
रामानुज सहस्त्रशताब्दी समारोह में होने वाली धर्माचार्य सभा में भाग लेने हैदराबाद पहुंचे संत युधिष्ठिर लाल
हरिद्वार। शदाणी पीठाधीश्वर संत डॉ युधिष्ठिर लाल महाराज ने कहा कि रामानुजाचार्य 11वीं शताब्दी के एक भारतीय हिंदू धर्मशास्त्री और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने उपदेश में कहा था कि भक्ति, सारनागती और अन्य सेवाओं के माध्यम से भगवान तक पहुंचा जा सकता है।
शदाणी पीठादीश्वर संत डॉ युधिष्ठरलाल महाराज रामानुज सहस्त्रशताब्दी समारोह के शुभ अवसर पर होने वाली धर्माचार्य सभा में भाग लेने हैदराबाद पहुंचे। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भगवत सहित भारत वर्ष के प्राचीन पीठों के आचार्य व पीठादीश्वर पहुंचे है। हैदराबाद पहुंचने के बाद शदाणी दरबार तीर्थ के वर्तमान पीठादीश्वर संत डॉ युधिष्ठिरलाल महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि शदाणी दरबार न केवल भारतवर्ष में अपितु पूरे विश्व में शदाणी दरबार के समर्पित सेवकों द्वारा मानव कल्याण के अनेक प्रकल्प चलाए जा रहे हैं।मानव कल्याण के लिए शदानी दरबार हमेशा समर्पित रहा है और रहेगा। संतों का जीवन हमेशा समाज सेवा के लिए समर्पित है।
शदानी दरबार द्वारा मानव कल्याण के लिए अनेक प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संगठन में ही शक्ति है, साहस, धैर्य, विनम्रता, सच्चाई के मार्ग पर चलकर एक लक्ष्य निर्धारित कर सफलता प्राप्त की जा सकती है। सभी मिलजुलकर कार्य करेंगे तभी समाज प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। नारी शक्ति को सम्मान मिलेगा तभी समाज की कुरीतियों पर विजय पा सकते हैं।शदाणी सेवा मंडल के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष उदय शदाणी ने बताया कि संत डॉ युधिष्ठिरलाल महाराज दो दिवस्य हैदराबाद प्रवास के बाद बैंगलोर के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां वह आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रवि शंकर भेंट करेंगे।