दुकान की दीवार टूटने से गुस्साए राशन डीलरों ने किया कोठारी महंत के खिलाफ प्रदर्शन:देखे वीडियो
हरिद्वार, 6 फरवरी। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पर दुकान की दीवार की दीवार तोड़े जाने का आरोप लगाते हुए सस्ता गल्ला डीलरों ने अखाड़े के कोठारी महंत के खिलाफ प्रदर्शन किया। डीलरों द्वारा कोठारी महंत व तीन अन्य लोगों पर कार्रवाई के लिए पुलिस को तहरीर भी दी गयी है। केंद्रीय उपभोक्ता सहकारी भण्डार के चेयरमैन विकास तिवारी भी मौके पर पहुंचे। विकास तिवारी ने आरोप लगाया कि दुकान पर कब्जा करने का प्रयास किए जा रहा है। सस्ते गल्ले की दुकान चलाने वाले सुरेश चंद पिछले 40 सालों से अखाड़े के किराएदार हैं। बिना अनुमति के ही छुट्टी के दिन दुकान के पिछले हिस्से की दीवार तोड़ दी गयी है। उन्होंने कहा कि दुकान पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। दुकानदार सुरेश चंद ने कहा कि वे पिछले चालीस सालों से किराए पर दुकान चला रहे हैं। उनकी बिना अनुमति के ही दुकान की दीवार तोड़ दी गयी। उनके विरोध करने के बावजूद दुकान की दीवार तोड़ दी गयी। जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। प्रदर्शन करने वालों में वीरेंद्र त्यागी, रघुवीर सिंह, कमल शर्मा, रोहित पाल, राजेश राणा, विजय कुमार, गजेंद्र सिंह, मोहित चैधरी, योगेश सिंह आदि शामिल रहे। दूसरी ओर अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने बताया कि कुंभ मेले के अंतर्गत अखाड़े में कराए जा रहे निर्माण कार्यो के लिए दुकान के पीछे पिलर खड़ा किए जाना है। इसके लिए दुकानदारों से सामान हटाने को कहा गया था। लेकिन उन्होंने सामान नहीं हटाया। जिससे दुकान का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। कब्जे की बात पूरी तरह गलत है। दुकानदार अपनी जगह बने रहेंगे। मामले को बेवजह तूल दिया जाना गलत है।
बोले कोठारी महंत
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा है कि कुंभ मेले के अंतर्गत अखाड़े में कराए जा रहे निर्माण कार्यों के लिए दुकान के पीछे पिलर खड़ा किया जाना है जिसके लिए दुकानदारों से सामान हटाने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने समान नहीं हटाया है दुकान के पिछले हिस्से को तोड़कर पिलर बनाया जाएगा कब्जे की बात पूरी तरह गलत है दुकानदार अपनी जगह ही बने रहेंगे मामले को बेवजह तूल दिया जाना पूरी तरह निराधार है उन्होंने कहा कि वह अभी किसी आवश्यक कार्य से बाहर गए हुए हैं कल वह अखाड़े पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी लेंगे