हरिद्वार – हरिद्वार के मोरा तारा ज्वेलर्स में हुई 2 करोड़ लूट के मामले में पुलिस को एक और कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने डकैती डालने वाले ताऊ गैंग के सरगना सतीश चौधरी समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बदमाशों से लगभग 12 लाख कॅश और सोने चांदी के आभूषण समेत टोटल 83 लाख कैश और एक पिस्टल और तीन तमंचे भी बरामद किए है। पांचों बदमाशों को मुजफ्फरनगर के खतौली से गिरफ्तार किया गया है। हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने ज्वालापुर कोतवाली में मामले का खुलासा किया।
ताऊ गैंग ने दिया था लूटकांड को अंजाम
एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज इस ने बताया कि लूटकांड को ताऊ गैंग ने अंजाम दिया था। गँगा का लीडर इंद्रपाल चौधरी उर्फ ताऊ जेल में बंद है। बाहर शातिर बदमाश सतीश चौधरी गैंग को चला रहा है। सतीश की अगुवाई ने ही बदमाशों ने हरिद्वार में लूटकांड को अंजाम दिया। सतीश चौधरी के अलावा अमित उर्फ फौजी, संजय उर्फ राजू, नितिन मालिक और सतेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार किया है। फिलहाल इस लूटकांड के दो बदमाश फरार है जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।
यूपी पुलिस का पूर्व सिपाही है संजय उर्फ राजू:
ताऊ गैंग में शामिल संजय उर्फ राजू यूपी के बुलंदशहर का रहने वाला है राजू इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में काम कर चुका है। राजू पर हत्या का मामला भी दर्ज है।
सीओ सिटी अभय सिंह के नेतृत्व में की गई पूरी कार्रवाई:
इस लूटकांड के बाद पुलिस पर भारी दबाव था लेकिन पुलिस ने दिन रात एक करके घटना के तीसरे दिन दो बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पांचवें दिन भी पुलिस ने 5 बदमाशों को गिरफ्तार कर 83 लाख की बरामदगी कर ली है। घटना के बाद से ही सीओ सिटी अभय सिंह के नेतृत्व में दिन रात पुलिस टीमें पड़ोसी राज्यो में डेरा डाल कार्रवाई में जुटी रही। खतौली बाईपास से बड़ी मशक्कत के बाद इन बदमाशों की गिरफ्तारी की गई। इन बदमाशों को उड़ीसा दिल्ली पंजाब मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत आठ राज्यों की पुलिस ढूंढ रही है। लेकिन हरिद्वार पुलिस ने इस गैंग को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की।
डेढ़ वर्ष पूर्व भी बनाई थी योजना लेकिन शीशों की वजह से हुई फैल:
एसएसपी ने बताया कि इस गैंग में डेढ़ वर्ष पूर्व भी मोरा तारा ज्वेलर्स और रिलायंस ज्वेलर्स के यहां डकैती की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों शोरूम में शीशों से काली फिल्म उतरी हुई थी जिस कारण इन्हें लूट की योजना को कैंसिल करना पड़ा।