सभ्यता और संस्कृति की जननी है माँ गंगा : श्रीमहंत रविंद्र पुरी


गंगोत्री धाम से पवित्र कलश यात्रा हरिद्वार पहुंची
चरण पादुका मंदिर पहुंचने पर कलश यात्रा का हुआ स्वागत
हरिद्वार। गंगोत्री धाम से पशुपतिनाथ नेपाल के लिए रवाना हुई कलश यात्रा हरिद्वार स्थित पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी स्थित चरण पादुका मंदिर पहुंची। जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज, निरंजन पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी, श्रीमहंत राम रतन गिरी, श्रीमहंत दिनेश गिरी, श्रीमहंत केशव पुरी, दिगम्बर राज गिरी, डॉ सुनील कुमार बत्रा, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी दिगंबर राजगीरी, अनिल शर्मा ने कलश यात्रा का स्वागत किया। पवित्र अमृत कलश का पूजन कर पुष्प अर्पित किए।

जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाना आज की पहली महती आवश्यकता है। कलश यात्रा से मां गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने का संदेश भी समाज को मिल रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि माँ गंगा हमारी धरोहर है। देश दुनिया में भारत की पहचान माँ गंगा से है।

श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि गंगा विश्व की प्रसिद्ध पवित्र नदी है। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। गंगोत्री धाम का जल वहां अर्पित करना हमारी सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहरों का समन्वय है, जो हमारी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला पवित्र अवसर हैं। श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि गंगा हमारी संस्कृति और सभ्यता की जननी है। इसलिए इसे मां का पवित्रतम दर्जा प्राप्त है। गंगोत्री धाम मां गंगा का उद्गम स्थल है। गंगोत्री से लाए गए कलश को स्पर्श करने मात्र से ही गंगोत्री धाम के दर्शन की अनुभूति प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि एक दिन विश्राम के पश्चात कलश यात्रा कल नेपाल के लिए रवाना हो जायेगी। इस यात्रा के तहत गंगोत्री धाम से लाए गए पवित्र जल को पशुपतिनाथ नेपाल में भगवान भोलेनाथ को अर्पित किया जाएगा।गंगोत्री धाम के रावल महाराज शिव प्रकाश सेमवाल ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच हमेशा से ही मित्रता का संबंध रहा है। यह कलश यात्रा विश्व के कल्याण के साथ-साथ भारत एवं नेपाल के मध्य मैत्री संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए परंपरागत रूप से निकाली जाती है।शास्त्रों में वर्णित है कि गंगाजल को शिवालय में अर्पित करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष गंगोत्री धाम से कलश यात्रा पशुपतिनाथ नेपाल के लिए रवाना होती है। इस अवसर पर राकेश गोयल, संजय बतरा, उजजवल, सवामी आंनद गिरी, टीना, संजय चौहान, दिगम्बर धंनजय गिरी, स्वामी आलोक गिरी, डॉक्टर विशाल गर्ग,भोला शर्मा,मनोज मंत्री,आदि उपस्थित थे.