हरिद्वार

संतों की पावन उपस्थिति में महंत कमल दास महाराज को दी गयी महंताई तिलक चादर


डेरा बाबा मोहनदास उदासीन आश्रम जैतो मण्डी, जिला फरीदकोट, पंजाब के महंत बने महंत कमल दास महाराज


हरिद्वार, 17 अप्रैल। उदासीन सम्प्रदाय के महान तपस्वी संत ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 बाबा मोहन दास जी के शिष्य ब्र्रह्मलीन श्री संत भरत मुनि जी के रिक्त स्थान पर उनके गुरुभाई हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था हरिहर पुरूषोत्तम धाम के परमाध्यक्ष महंत कमल दास महाराज को डेरा बाबा मोहनदास उदासीन आश्रम जैतो मण्डी, जिला फरीदकोट, पंजाब में आयोजित महंताई तिलक चादर में संतों की पावन उपस्थिति में महंताई तिलक चादर देकर महंत बनाया गया। इस मौके पर महंताई तिलक चादर समारोह की अध्यक्षता महंत रघुमुनि महाराज ने की।


महंताई तिलक चादर समारोह को सम्बोधित करते हुए म.मं. हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन बाबा मोहन दास के परम शिष्य श्री भरत मुनि बड़े कुशल व्यवहार व मधुर वाणी वाले संत थे। उन्होंने जीवन पर्यन्त समाजसेवा करते हुए लोगों को समाजसेवा की प्रेरणा दी। उन्होंने महंत कमल दास महाराज को महंत बनने पर शुभकामनाएं, आशीर्वाद देते हुए कहा कि वे संस्था के सेवा प्रकल्पों का निःस्वार्थ से निर्वहन करते हुए संस्था को ऊंचाईयों तक पहुंचायंेगे।


म.मं. जगदीश दास महाराज एवं कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्री संत भरत मुनि जी महाराज ने गौ, गंगा, गीता के प्रचार-प्रसार एवं सेवा के लिए जीवन पर्यन्त कार्य किये। उन्होंने अपना समूचा जीवन समाज को सार्थक दिशा में लगा दिया। उनके सेवा प्रकल्पांे को हरिद्वार के हरिहर पुरूषोत्तम धाम के परमाध्यक्ष महंत कमल दास महाराज बढ़ाने का कार्य सेवाभाव से करंेगे।


महंताई तिलक चादर समारोह की अध्यक्षता करते हुए महंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि श्री संत भरत मुनि त्याग, तपस्या की साक्षात् प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने लोगों को सनातन धर्म व संस्कृति से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने महंत कमल दास महाराज से अपने गुरुभाई श्री संत भरत मुनि के पदचिन्हों पर चलते हुए सेवाभाव से संस्था को गतिशील बनाने का आवाह्न किया।


महंताई तिलक चादर समारोह में मुख्य रूप से म.मं. हरिचेतनानन्द महाराज, म.मं. जगदीश दास महाराज, महंत सेवा दास, महंत शांति दास, महंत रामनोमी दास, महंत आत्माराम, महंत अमर दास, महंत अमर मुनि, कोठारी महंत दोमदार दास, महंत शांतानन्द सहित अन्य प्रदेशों से आये हुए संत-महंत एवं श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।

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