प्राचीन हनुमान मंदिर प्रांगण में मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
हरिद्वार। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। प्राचीन हनुमान मंदिर के प्रांगण में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महंत रविपुरी महाराज के सानिध्य में विशेष पूजा अर्चना करने के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इसके साथ ही कृष्ण की महिमा के बारे में उन्होंने श्रद्धालुओं को अवगत कराया।
इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महंत रविपुरी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जग के पालनहार हैं।
कहा कि इनकी भक्ति में लीन भक्तों को साक्षात काल भी कुछ नही बिगाड़ सकता। तीनों लोक के स्वामी सनातन धर्म एवं समस्त जीवों के रक्षक हैं।संसार मे अधर्म के बढ़ने पर भिन्न भिन्न रूपों में अवतार लेते हैं।त्रेताकाल मे असुरों के बढ़ते अत्याचार को समाप्त करने के लिए राम के रूप में तो द्वापर में कंस के कारागार में श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेकर मनुष्यो की मर्यादा का चित्रण किया।
उन्होंने बताया कि वासुदेव और देवकी के 7 पुत्रों को कंस पहले ही मार चुका था। कंस का वध करने के लिए ही भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया। श्रीकृष्ण का जन्म होते ही कंस के कारागार के सारे दरवाजे स्वतः खुल गए। साथ ही सभी प्रहरी गहरी निद्रा में चले गए। ये कान्हा की ही लीला थी जिसके बाद उनके पिता रातोंरात कान्हा को नंदगांव छोड़ आए। तत्पश्चात उन्होंने समस्त श्रद्धालु भक्तों को भगवान कृष्ण का प्रसाद वितरित किया।