Uncategorized

भेल श्रमिक संघर्ष यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन:देखे वीडियो

भेल श्रमिक संघर्ष यूनियन , रानीपुर , हरिद्वार BSSU के आहवाहन पर  भेल कर्मचारियों ने द्वारा सरकारी / सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेशिकरण एवं श्रम कानूनों में किये जा रहे श्रमिक विरोधी संशोधन का विरोध कर राष्ट्रपति भारत ,नई दिल्ली  को सिटी मजिस्ट्रेट , हरिद्वार के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया ।  दिनाँक 01 फरवरी 2021 को वित्त मंत्री , भारत सरकार द्वारा देश का बजट प्रस्तुत किया गया व उसमें सरकारी / सार्वजनिक उपक्रमों बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन , कंटेनर कॉर्पोरेशन , नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड, बैंक ,  सामान्य बीमा कम्पनी  एवं अन्य कम्पनीयों के विनिवेशीकरण से आगामी वित्तिय वर्षों में 1.75 लाख करोड़ रूपये जुटाने की घोषणा की गई ,  इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई ,सरकारी / सार्वजनिक उपक्रमों की सम्पतियों का मोनेटाईजेशन कर कई हजार करोड़ रूपये एकत्र किये जाने की घोषणा की गई । इस सबका पुरजोर विरोध करते हुए यूनियन महामंत्री प्रशान्त दीप गुप्ता ने कहा भारत सरकार की उक्त कार्यवाहियों से हम सभी बीएचईएल कर्मचारियों में भी अपने संस्थान के भविष्य एवं स्वंय के रोजगार को लेकर भय व्याप्त है । हम भारत सरकार के उक्त निर्णयों का विरोध करते है । चूंकि भारत सरकार के इस प्रकार के निर्णयों से देश के संगठित क्षेत्र के वर्तमान कर्मचारियों में अपने रोजगार को लेकर भारी असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती जा रही है । जो कि बेहद चिंता का विषय है, निजिकरण की ओर बढ़ती सरकार की यह तेज रफतार आगामी सरकारी रोजगारों को समाप्त कर रही है । इससे देश में वर्तमान में बेहतर स्थिति का कर्मचारी भी सरकार की इस निति से निजिकरण , संविदा कर्मचारियों की बढ़ोत्तरी ,छँटनी आदि की होने वाली स्वाभाविक प्रक्रियाओं से  पीड़ित होकर बद्द्ततर स्थिति में आ जायेगा । उक्त नितियों से देश के चंद बड़े उद्योगपतियों को ही भारी लाभ होगा वे ही इन सार्वजनिक सम्पतियों के आगामी मालिक होंगे । आज देश के बड़े उपक्रमों के इन निजी हाथों में जाने से वे अपनी मनमाने दरों पर उत्पाद उपलब्ध कराएंगे। ऊपर से सरकार द्वारा 44 कानूनों को संशोधन कर जो 04 नवीन लेबर कोड लाये जा रहे है उनमें कार्य के घंटे 08 से बढ़ाकर 12 तक करना , हायर एंड फायर के अधिकारों में बढ़ोत्तरी करना , हड़तालों आदि पर सख्ती करना , यूनियनों के अधिकारों में कटौती करना आदि नये नियमों को लाकर एम्पलायर / उद्योगतियों को अधिक ताकत देकर  सशक्त करने का कार्य करने जा रही है । जिसका यूनियन पुरजोर विरोध करती है । यूनियन की माँग है कि सरकारी / सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेशिकरण / निजिकरण न कर उन्हें सशक्त किया जाये व एवं भारत सरकार द्वारा लाये जा रहे 04 नवीन लेबर कोड को रद्द किया जाये ।  जिससे देश का श्रमिक वर्ग खुशहाल रह सके । विरोध कार्यक्रम में जसविंदर सिंह ,  अमरजीत जाँगड़ा ,  संजीव बाली , प्रशान्त दीप गुप्ता , दीपक कुमार प्रजापति , विवेक सकसेना , चित्रप्रकाश ,   मुनेश उपाध्याय , गुलजार , रवि दुबे ,  शिव कुमार बकशी                                    आदि उपस्थित रहे  l
              

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button