शौर्य दीवार पर पुष्पाजंलि अर्पित कर किया गया वीर शहीदों को नमन
हरिद्वार।एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना एवं शहीदों के सम्मान में काॅलेज में निर्मित शौर्य दीवार पर देश के वीर शहीदों को नमन कर पुष्पाजंलि अर्पित की गयी।
काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने इस अवसर पर देश के वीर बहादुर सैनिकों को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि कारगिल विजय दिवस भारतीय सीमा सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों और बलिदानों को याद करने का दिन है। श्रीमहन्त जी ने कहा कि भारत के शौर्य का प्रतीक है ‘कारगिल विजय दिवस’। यह दिन समर्पित है उन्हें, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया। श्रीमहन्त ने कहा कि भारत वीर योद्धाओं की भूमि है, भारतीय सेना ने हमेशा कड़ा संघर्ष कर देश की दुश्मनों से रक्षा की है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कारगिल युद्ध के रूप में देखा जा सकता है, तब दुनिया ने भारतीय सेना की बहादुरी की गाथा गायी। इस अवसर पर देश की अखंडता संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने के लिए शपथ भी दिलाई गई।
काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने विजय दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि आज शौर्य दिवस है, जो कारगिल विजय की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा हेतु उत्तराखण्ड ने सदैव अपना योगदान दिया है तथा देश की सम्प्रभुता, एकता व अखण्डता की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना कभी भी अपने सर्वोच्च बलिदान देने से पीछे नहीं हटी। कारगिल विजय दिवस प्रकारान्तर से भारतीय सेना के इसी मनोबल को सम्पुष्ट करता है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कारगिल युद्ध के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतनी दुर्गम परिस्थितियों में भारतीय सेना द्वारा इस युद्ध का जीता जाना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना उच्च प्रशिक्षित एवं युद्ध कौशल में विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। इस अवसर पर डॉ सरस्वती पाठक, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. निविन्धया शर्मा, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, डॉ विजय शर्मा, वैभव बत्रा, आस्था आनन्द, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. रेणू सिंह, साक्षी गोयल, सुगन्धा वर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पदमावती तनेजा, नेहा गुप्ता, मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि सहित अनेक शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।