अखाड़ा परिषदउत्तराखंडहरिद्वार

सावन में भगवान शिव की आराधना से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं:श्रीमहंत रविंद्रपुरी

संतों जप तप ही राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में सार्थक साबित होता है:स्वामी ललितानंद गिरि

हरिद्वार/राजीव कुमार 

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रावण शिवरात्रि के अवसर पर चरण पादुका मंदिर में शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव को सावन का महीना सबसे अधिक प्रिय है। जो भक्त सावन में सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने कहा कि संसार के कल्याण के लिए समुद्र मंथन से निकला विष अपने कंठ में धारण करने वाले भगवान शिव अत्यन्त दयालु व कृपालु देव हैं। जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की झोली भर देते हैं।

भगवान शिव की आराधना अत्यन्त सरल है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय माता पार्वती का भी ध्यान अवश्य करें। उन्होंने कहा कि श्रावण शिवरात्रि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और भगवान शिव पूरे सावन अपनी ससुराल दक्ष महादेव मंदिर में विराजमान रहकर सृष्टि का संचालन करते हैं। महादेव शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। शिव कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।

महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि संतों जप तप ही राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में सार्थक साबित होता है।

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