
हरिद्वार: खुद को अखाड़े का महंत बताकर लाखों की संपत्ति बेचने के मामले में बड़ा अखाड़ा के श्रीमहंत ने कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, बड़ा अखाड़ा के श्रीमहंत रघुमुनि ने कनखल थाने में तहरीर देकर बताया कि महेंद्र दास की मौत के बाद महंत रविन्द्र दास को शान्तरशाह का महंत बनाया गया था। आरोप लगाया कि महेंद्र दास के पुत्र जोगेन्द्र दास

ने 10 नवंबर 2010 को एक फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किया। जिसमें श्रीमहंत के फर्जी कूटरचित हस्ताक्षर और अखाड़े की सील का इस्तेमाल कर खुद को फर्जी रुप से गद्दी नशीन महंत नियुक्त कर दिया। जबकि ऐसा कोई प्रमाणपत्र जोगेन्द्र को कभी नहीं दिया गया। पता चलने पर फर्जी कूटरचित प्रमाणपत्र की प्राथमिक जांच फिंगर प्रिन्ट हैंड टाईपिंग एक्सपर्ट विरेन्द्र पाल सिंह एडवोकेट मुजफ्फरनगर से कराई गई। जिसमें जोगेन्द्र का फर्जीवाड़ा व कूटरचना सामने आई। आरोप लगाया कि जोगेंद्र ने अखाड़े की 50 लाख से अधिक संपत्तियों का सौदा कर डाला। उसके साथ कुछ भू माफिया भी शामिल हैं। एसएचओ कनखल कमल कुमार लुंठी ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।