हरिद्वार।
पंचायती अखाड़ा निर्मल पर अधिकार के लिए निर्मल भेख ने श्री महंत ज्ञानदेव सिंह शास्त्री को एक बार फिर से हटाने की मांग उठा दी है।
निर्मल भेख के संतो ने देवपुरा चौक से सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह के खिलाफ पैदल मार्च निकाला। इससे पहले रोशनाबाद में डीएल को पत्र दिया। प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर फिर मेलाधिकारी से मिले।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महंत गोपाल सिंह ने कहा कि निर्मल पंचायती अखाड़ा के असली श्रीमहंत रेशम सिंह है। तीन वर्ष पूर्व ज्ञानदेव सिंह को हटा दिया गया था। ज्ञानदेव सिंह ने अखाड़े कि संपत्ति को खुर्दबुर्द किया हुआ है। उनके खिलाफ अनेकों मुकदमे दर्ज हैं। प्रशासन को भी संज्ञान में लेकर उन्हें हटाना चाहिए। कुंभ मेले के लिए जो भी सरकारी धन से अखाड़े की सहायता हो रही है उसे सही जगह लगना चाहिए। श्रीमहंत रेशम सिंह ने बताया कि निर्मल भेख़ द्वारा ही ज्ञानदेव सिंह को श्री महंत बनाया गया था। लेकिन उनके द्वारा अखाड़े की संपत्तियों को खुर्दबुर्द करने के जांच में सही पाने पर भेख द्वारा पदमुक्त कर दिया गया था। आरोप लगाया कि ज्ञानदेव सिंह अनाधिकृत रूप से श्रीमहंत बने हुए हैं। प्रशासन निर्मल भेख की नहीं सुनेगा तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे। पत्रकार वार्ता में महंत जगतार सिंह, कोठारी महंत गोपाल सिंह, महंत जुगराज सिंह, महंत प्रेम सिंह, महंत कश्मीर सिंह, महंत श्याम सुंदर, महंत चमकौर सिंह लोहगढ़, महंत बिकर सिंह, महंत बलोर सिंह, महंत महावीर सिंह, महंत भूपेंद्र सिंह, महंत संतोख सिंह, महंत चमकौर सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत महेश मुनि, महंत प्रभजोत सिंह, महंत इंद्र जीत सिंह, मंहत दर्शन सिंह, महंत तरलोचन सिंह आदि उपस्थित रहे।