हरिद्वार/राजीव कुमार
रामानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी एंड मैनेजमेंट में वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे के अवसर पर हरिद्वार की प्रसिद्ध महिला विशेषज्ञ डॉ० रूचि गुप्ता द्वारा संस्थान में कार्यरत सभी महिला शिक्षकों एवं महिला कर्मियों को महिलाओ में आजकल होने वाली सबसे ज्यादातर होने वाले कैंसर जैसे की सर्वाइकल कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, एच पी वी वायरस आदि एवं अन्य समस्याओ एवं उनके निवारण और बचाव के बारे में बताया। उन्होंने बताया की एच पी वी वायरस से बचाव के लिए स्क्रीनिंग तथा टीकाकरण करवाना आवश्यक है। और इस टीकाकरण को सही उम्र में ही करवा देना चाहिए।
साथ ही प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ० आदित्य मणि गुप्ता ने भी बताया की सभी को कोई भी बीमारी होने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए स्वयं दवाइयां नहीं लेनी चाहिए इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
संस्थान के निदेशक श्री वैभव शर्मा ने बताया की डॉक्टर अपना पूरा जीवन मरीज़ों का इलाज करने में बिता देते हैं और अक्सर अपना निजी समय भूल जाते हैं। उन्होंने डॉ० रूचि गुप्ता एवं डॉ० आदित्य मणि गुप्ता का सभी महिला शिक्षकों एवं सभी कर्मियों को जागरूक करने के लिए पुष्प गुच्छ देकर धन्यवाद दिया एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया।
वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे के अवसर पर रामानंद इंस्टिट्यूट में रक्त दान शिविर का भी आयोजन किया गया। रामानंद इंस्टिट्यूट ने हरिद्वार के प्रतिष्ठित शिवालिक नगर स्थित राजा राम हॉस्पिटल के सहयोग से माँ गंगे ब्लड सेंटर द्वारा रक्त दान शिविर का आयोजन किया।
संस्थान में रक्त दान शिविर का जैसे ही लोगो को पता लगा रक्त दान करने वालो का तांता लग गया। रक्त दान करने वालो में सबसे आगे संस्थान के निदेशक श्री वैभव शर्मा रहे उन्होंने शिविर में सबसे पहले रक्त दान करा। रक्त दान शिविर में संस्थान के सभी शिक्षकों एवं कर्मियों, छात्रों एवं उनके माता पिता तथा अन्य लोगो ने बढ़ चढ़ कर रक्त दान करा। रक्त दान शिविर में 100 से भी अधिक लोग आये जिनमे से 50 से भी अधिक लोगो द्वारा रक्त दान करा गया।
संस्थान के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया की रक्त दान को महादान कहा जाता है। रक्त दान करने से ना सिर्फ हम एक व्यक्ति की मदद करते हैं, बल्कि हमारे शरीर को भी इससे फायदा होता है। नियमित रक्तदान करने से बोन मैरो को हर बार रक्त बनाने का काम करना पड़ता है।
संस्थान के निदेशक वैभव शर्मा ने बताया की रक्तदान करने से एक या अधिक लोगों की जान बच सकती है, अगर रक्त को उसके घटकों में विभाजित किया जाए: लाल रक्त कोशिकाएँ, प्लेटलेट्स और प्लाज़्मा, जिन्हें फिर विशिष्ट स्थितियों वाले रोगियों के लिए अलग से प्रशासित किया जा सकता है। उन्होंने बताया की हम सभी को बढ़ चढ़ कर रक्त दान करना चाहिए। उन्होंने संस्थान के सभी सदस्यों का इस रक्त दान शिविर को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।
इस अवसर पर फार्मेसी विभाग की विभागाध्यक्ष कुसुम लता, डॉ० मयंक गुप्ता, मनुज उनियाल, सूरज राजपूत, सचिन विश्नोई, आर ऐ शर्मा, डॉ० मौसमी गोयल, नैना, तुबा, निशि, राबिता, शिखा, आरती, पूजा, नेहा, संगीता ने सभी को रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहित करा एवं सभी रक्त दाताओ का धन्यवाद भी दिया।