बड़ी खबर:धोखाधड़ी करने पर महामंडलेश्वर पद व अखाड़े से मंदाकिनी का निष्कासन
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवम श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अधक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने की कार्रवाई, गलत आचरण व ठगी कि और कई शिकायते पहुंची
उज्जैन। एक संत को महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर की गई 7.50 लाख की धोखाधड़ी के मामले में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी को पद के साथ अखाड़े से निष्कासित कर दिया। उज्जैन प्रवास पर आए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के सचिव
श्री महंत रवींद्रपुरी जी महाराज ने स्थानीय वरिष्ठ संतों से विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया।
मंगलवार दोपहर पंचायती निरंजनी अखाड़ा बड़नगर रोड पर मीडिया से चर्चा में उन्होंने साफ कह दिया कि जो भी गलत आचरण करेगा वह सजा भुगतने के लिए तैयार रहे। उज्जैन के एक संत सूरेश्वरानंद महाराज को बाले बाले महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर मंदाकिनी पुरी ने उनसे 7.50 लख रुपए नगद ऐंठ लिए। मांगने पर जब रुपए वापस नहीं दिए तो पीड़ित संत द्वारा उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई। यह मामला संज्ञान में आने के साथ ही इस तरह की ठगी के शिकार हुए और भी कहीं पीड़ित अखाड़े पहुंचे और अपनी आप बीती सुनाई। आरोपों कि गंभीरता देखते हुए श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज एवं सचिव श्री महंत रामरतन गिरी जी महाराज ने मंदाकिनी पूरी को महामंडलेश्वर पद एवं अखाड़े से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। साथ ही कहा कि जो भी शिकायत है हमारे पास आएगी उसकी जांच कराई जाकर आगामी कार्रवाई करेंगे।
मालूम हो कि महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर साथ ही शासकीय स्तर पर कई पदों का प्रलोभन दिलाने को नाम पर मंदाकिनी पुरी ने कई लोगों से धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। गत दिनों अखाड़ा परिसर में किए गए यज्ञ के नाम पर भी मंदाकिनी पुरी से जुड़े कई लोगों द्वारा अवैध चंदा वसूल की गई है इस पर भी अब अखाड़े द्वारा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमंत रामरतन गिरी जी महाराज ने दी।