हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह हर्षाेल्लास के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं गायत्री मन्त्रेच्चारण के साथ मुख्य अतिथि प्रोफेसर परविंद्र कुमार, विभागाध्यक्ष- बायोसाईंस एवं बायोइंजीनियरिंग विभाग, आई.आई.टी. रूड़की, विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. प्रवीण पुनिया, स्वामी परमार्थदेव, पूज्य स्वामी आर्षदेव, प्रो. वी. के. कटियार डीन- शैक्षणिक, प्रो. मनोज कुमार पटैरिया डीन- अनुसंधान एवं अन्य समस्त अधिकारिगणों के कर कमलों द्वारा किया गया।
‘इंडिजिनस टेक्नोलॉजी फोर विकसित भारत’ विषय पर पतंजलि विश्वविद्यालय के संबद्ध एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमानुसार आयोजित प्रतियोगिता के अर्न्तगत विश्वविद्यालय के ओजस्वी तेजस्वी होनहार बालक-बालिकाओं के माध्यम से भिन्न-भिन्न प्रकार के वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य मे पोस्टर मॉडल सहित अन्य वैज्ञानिक क्रियाविधियों की अद्भुत प्रतिस्पर्धा की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर परविंद्र कुमार जी ने ‘इफेक्ट ऑफ प्लास्टिसाईजर ऑन हेल्थ’ विषय पर सभी छात्र/छात्राओं को ज्ञानवर्द्धन उद्बोधन दिया। इस अवसर पर पूज्य स्वामी परमार्थदेव जी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत ऋषि प्रधान देश है जिसमें विज्ञान का प्रयोग मानव कल्याण के लिए होना चाहिए।
पोस्टर प्रतियोगिता में बी.एस.सी. जैविक विज्ञान द्वितीय वर्ष की छात्रा विभा शर्मा प्रथम स्थान तथा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संकाय की छात्रा नन्दिनी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। सान्तवना पुरस्कार पीजीडीवाईए की छात्रा शिवांगी तथा बीएनवाईएस की छात्रा ईशिका को प्रदान किया गया। मॉडल निर्माण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संकाय की छात्रा नन्दिनी अरोड़ा तथा द्वितीय स्थान पर ग्रुप टीम श्रेय, धीरज एवं योगिता बीएससी जैविक विज्ञान प्रथम वर्ष की विद्यार्थियों को प्रदान किया गया। सान्तवना पुरस्कार पीजीडीवाईए की छात्रा हेनू, सुचिता, आंकाक्षा तथा बीए योग तृतीय के छात्र वासुदेव सह-टीम को प्रदान किया गया।
मुख्य निर्णायक मंडल की भूमिका में प्रो. डॉ. मयंक अग्रवाल एवं प्रो. डॉ. अरविंद कुमार सिंह द्वारा विजेता प्रतिभागियों के नामों की घोषणा की गयी तथा मुख्य अतिथि द्वारा सभी विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं स्मारिका सहित प्रोत्साहन राशि प्रदान की गयी।
मंच का सफल संचालन विज्ञान विभाग की सहायक आचार्या डॉ. निवेदिता शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी शंकर रथ के निर्देशन में विभाग के सभी प्राध्यापकगणों डॉ. विनय कुमार शर्मा, डॉ. रोमेश कुमार शर्मा, डॉ. शिल्पा धानिया, डॉ. दीनानाथ गुप्ता तथा प्रज्ञा जी की सक्रिय भूमिका रही।