हरिद्वार।
धर्मनगरी में संत शिरोमणि गुरु रविदास के 24 फरवरी को होने वाले 647 वें गुरु पर्व के उपलक्ष में सोने की पालकी यात्रा का आयोजन हुआ। इस दौरान सोने की पालकी को नगर भ्रमण कराया गया। पालकी यात्रा की शुरुआत पुल जटवाड़ा से की गई। पालकी यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर पालकी का स्वागत किया गया।
मंगलवार को संत निर्मल दास ने सोने की पालकी यात्रा का आयोजन किया। पहली बार जालंधर से संत रविदास की सोने की पालकी धर्मनगरी पहुंची है। सोने की पालकी यात्रा से पहले पुल जटवाड़ा पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुल जटवाड़ा से शुरू हुई सोने की पालकी यात्रा का कई स्थानों पर स्वागत किया गया। पालकी यात्रा के दौरान जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। इस दौरान संत निर्मल दास ने बताया की गुरु रविदास सामाजिक समरसता के सच्चे संवाहक थे। सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए उन्होंने समाज के वंचित कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया। साथ ही समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करते हुए अखंड भारत को मजबूत किया।पालकी यात्रा के दौरान संत श्रवण दास, संत इंद्र दास, संत सतपाल दास, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, समाजसेवी राजवीर सिंह कटारिया, बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार एडवोकेट, कृष्ण कुमार, मेहर चंद दास, प्रदीप नौटियाल, किशन पाल, प्रवीण कुमार मौर्य, पुनीत कुमार, मुकेश नौटियाल, देशराज राठौर आदि मौजूद रहे।
अप्रैल में आयोजित होगी शोभा यात्रा
हरिद्वार। संत निर्मल दास ने बताया की तीन दिवसीय कार्यक्रम अप्रैल में आयोजित किया जाएगा। पांच, छह और सात अप्रैल के कार्यक्रम के लिए पंजाब, जम्मू काश्मीर, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्य से संत धर्मनगरी पहुंचेंगे। सात अप्रैल को गुरु पर्व मनाया जाएगा। पांच अप्रैल को संत पंजाब से चलेंगे। सात अप्रैल को शोभा यात्रा हरिद्वार में निकाली जाएगी।
650 वें गुरु पर्व पर बनाएंगे सोने का गुंबद
हरिद्वार। संत निर्मल दास ने कहा की अनुमति मिलने पर पुल जटवाड़ा पर भव्य गेट का निर्माण किया गया था। सरकार से अनुमति मिलने पर हरकी पैड़ी पर रविदास मंदिर का सोने का गुंबद बनाया जाएगा। 650 वें गुरु पर्व से पहले सरकार से अनुमति ली जाएगी।