
हरिद्वार 16 दिसंबर
एस एम जे एन पी जी कॉलेज में आज 1971 के भारत-पाक युद्ध में मिली ऐतिहासिक जीत की याद में ‘विजय दिवस’ अत्यंत हर्षोल्लास और देशभक्ति के माहौल में मनाया गया। कॉलेज में बड़ी संख्या में शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शौर्य दीवार पर अर्पित किए पुष्प
महाविद्यालय की शौर्य दीवार पर प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा सहित सभी उपस्थित समुदाय ने देश के अमर सैनिकों को पुष्प अर्पित कर अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। इस अवसर पर बांग्लादेश के निर्माण और पाकिस्तान पर भारत की निर्णायक विजय को भावपूर्ण तरीके से याद किया गया।
*बलिदानी सैनिकों का योगदान युवा पीढ़ी की चेतना में रहे: प्रो. बत्रा*
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय सेना ने रिकॉर्ड समय में पाकिस्तान का विभाजन कर दक्षिण एशिया में बांग्लादेश नामक नए राष्ट्र का निर्माण किया, जिसकी मिसाल पूरे विश्व में दुर्लभ है। उन्होंने तत्कालीन जनरल सैम मानिकशॉ की कुशल सैन्य रणनीति और भारतीय सैनिकों के अद्भुत रणकौशल की जमकर प्रशंसा की।
प्रो. बत्रा ने छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि वे 16 दिसंबर 1971 के गौरवशाली इतिहास को अवश्य पढ़ें, ताकि बलिदानी सैनिकों का अमूल्य योगदान नई पीढ़ी की चेतना से विस्मृत न हो सके।
*सैन्य इतिहास का अतुलनीय युद्ध*
राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. विनय थपलियाल ने 1971 के युद्ध को सैन्य इतिहास का ‘अतुलनीय युद्ध’ बताया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तानी सेना को निर्णायक रूप से परास्त कर दक्षिण एशिया में लोकतंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रो. थपलियाल ने बांग्लादेशी जननायक शेख मुजीबुर्र रहमान का स्मरण करते हुए इस विजय को बांग्लादेशी जनभावना, भारतीय सैन्य कौशल और मजबूत राजनैतिक इच्छाशक्ति का सामूहिक परिणाम बताया।
इस अवसर पर गोपाल अरोड़ा, प्रो. जे सी आर्य, डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ. विनीता चौहान, डॉ. सरोज शर्मा, डॉ. रजनी सिंघल, डॉ. पदमावती तनेजा, ऋचा मिनोचा, रिंकल गोयल, वैभव बत्रा, अंकित बंसल, यादविंदर सिंह, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।



