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Haridwar news जापानी संत आदित्यानंद पुरी बने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर 

महामंडलेश्वर बनने बाद संत आदित्यानंद पुरी महामंडलेश्वर आदित्यानंद गिरि के नाम से जाने जाएंगे:श्री महंत रविंद्र पुरी 

विधि विधान के साथ संपन्न हुआ पट्टाभिषेक कार्यक्रम 

विजय सुब्रह्मण्यम/राजीव कुमार 

हरिद्वार,अखाड़ा परिषद एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने जापान के संत आदित्यानंद पुरी को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया। सोमवार शाम को एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्रांगण में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के तत्वावधान में उनका पट्टाभिषेक किया गया। विभिन्न संत महात्मा, अखाड़ों के प्रतिनिधि, विद्वान आचार्य एवं सनातन धर्मावलंबियों की उपस्थित में वैदिक रीति रिवाज चादर विधि संपन्न हुई।

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पट्टाभिषेक कार्यक्रम में मौजूद सभी अथिति साधु संतों ने चादर विधि के अनुसार स्वामी आदित्यानंद पुरी को चादर ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। पुष्प वर्षा तथा वैदिक मंत्रोचारण के बीच उन्हें महामंडलेश्वर बनाया गया। महामंडलेश्वर बनने बाद संत आदित्यानंद पुरी को महामंडलेश्वर आदित्यानंद गिरी के नाम से जाना जाएगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परंपरा में महामंडलेश्वर पद सनातन धर्म में त्याग, तप, तपस्या और गुरु कृपा का सर्वोच्च प्रतीक माना जाने वाला पद है। यह पद केवल एक धार्मिक सम्मान नहीं, बल्कि धर्म रक्षा, समाज मार्गदर्शन और आध्यात्मिक चेतना के प्रसार का दायित्व भी है। अखाड़े के महामंडलेश्वर पद पर आसीन हुए आदित्यानंद गिरि जैसा युवा और दिव्य संत, संत समाज और हिंदू समाज को एक नई दिशा देगा। उन्होंने कहा की अगली धर्म संसद जापान देश में होगी और शीघ्र ही इस सम्बन्ध में एक अखाड़े का एक शिष्ट मंडल जापान जायेगा। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा हमेशा समाज निर्माण और मानव सेवा के लिए कार्य करता रहा है।

महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त आदित्यानंद गिरि महाराज ने कहा कि यह गौरवपूर्ण समय है कि श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक किया गया है। उन्होंने कहा कि वे अखाड़े की परंपरा को आगे बढ़ाने तथा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए भी पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज ने कहा कि पूरी दुनिया सनातन संस्कृति को अपना रही है। सनातन संस्कृति की पताका फहराने में युगों-युगों से संत समाज की अहम भूमिका रही है। महामंडलेश्वर स्वामी आदित्यानंद गिरि पूरे विश्व में सनातन धर्म संस्कृति की पताका फहराएंगे। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी आदित्यानंद गिरि जापानी समाज को मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ धार्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर श्रीमहंत महेश पुरी ने कहा कि महामंडलेश्वर पर पर आसीन हुए आदित्यानंद पुरी सम्पूर्ण विश्व को सनातन परंपरा से जोड़ने का कार्य करेंगे। इस अवसर पर श्रीमहंत दर्शन भारती ने कहा कि आज का यह पुनीत अवसर गुरु शिष्य परंपरा को दर्शाता हैं। पट्टाभिषेक कार्यक्रम में एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा,रामानंद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर मयंक गुप्ता,जापान के मोकोतोऊ, यूकेरी, ह्यू, केनतारो, डीका सीमोजो, सतोमी कवामरा, मोमोऔखुरा, यूसिको और डाइजी सबाकी बाला समेत 15 शिष्य शामिल हुए।

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