

हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि’ मंत्र को साकार करने के क्रम में हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) ने सोमवार को प्राधिकरण मुख्यालय के सभागार में तीसरा सुशासन कैंप आयोजित किया। कैंप में बड़ी संख्या में नागरिक अपनी निर्माण संबंधी समस्याओं लेकर पहुंचे और अधिकांश को मौके पर ही राहत मिली।
कैंप का निरीक्षण एचआरडीए की उपाध्यक्ष सोनिका ने किया। उन्होंने स्टॉल-दर-स्टॉल सभी मामलों की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रत्येक आवेदन का पारदर्शी, समयबद्ध और संतोषजनक निस्तारण हो। उन्होंने कहा कि सुशासन का असली मतलब यही है कि आम आदमी को बिना चक्कर लगवाए उसका काम हो जाए।
कैंप में सबसे बड़ी राहत मानचित्र स्वीकृति व निर्गमन के क्षेत्र में मिली। कुल 20 मानचित्र स्वीकृत किए गए, जबकि 18 मानचित्रों को तत्काल निर्गत कर आवेदकों को सौंप दिया गया। इस प्रकार एक ही दिन में कुल 38 मानचित्रों का निस्तारण हुआ। इसके अलावा विभिन्न श्रेणियों के शुल्क भुगतान, तकनीकी आपत्तियों का निराकरण और अन्य निर्माण संबंधी समस्याओं का भी मौके पर समाधान किया गया।
कैंप में सचिव मनीष कुमार सिंह, संयुक्त सचिव दीपक रामचंद्र सेठ, अधीक्षण अभियंता राजन सिंह, सहायक अभियंता वर्षा, प्रशांत सेमवाल, टेक्निकल कंसल्टेंट गोविंद सहित सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
आवेदकों ने त्वरित निस्तारण और सरल प्रक्रिया पर गहरी संतुष्टि जताई। कई लोगों ने कहा कि पहले महीनों लग जाते थे, आज एक ही दिन में काम हो गया।
प्राधिकरण ने घोषणा की है कि अगला सुशासन कैंप 12 दिसंबर को ब्लॉक सभागार, बहादराबाद (हरिद्वार) में आयोजित होगा। एचआरडीए ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने मानचित्र स्वीकृति, कंपाउंडिंग, शुल्क निस्तारण, लेआउट संशोधन आदि से जुड़े मामलों का त्वरित समाधान प्राप्त करने के लिए जरूर पहुंचें।



