
*संकल्प प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशु की मृत्यु दर में कमी लाना
हरिद्वार 20 नवम्बर, 2025
जनपद में नवजात शिशु की मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से संकल्प प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी, जिसमें उन्होंने संकल्प प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
स्वामी राम हिमालियन इंस्टिट्यूट जौली ग्रांट उपनिदेशक डॉ. राजीव बिज्लवान ने अवगत कराया है कि नवजात शिशु की दर में कमी लाने के उद्देश्य से आईसीएमआर एवं नीतिआयोग भारत सरकार के सहयोग से संकल्प प्रोजेक्ट का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। संकल्प प्रोजेक्ट 2024 से शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य नवजात शिशु की मृत्यु दर एकल अंक में लाना है इस कार्यक्रम को उत्तराखंड में स्वामी राम हिमालियन इंस्टिट्यूट जौली ग्रांट द्वारा इम्प्लीमेंट किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि 2020 में नवजात शिशु दर 30 प्रतिशत थी जो छ: माह में घटकर 17 प्रतिशत हो गयी है तथा इस अंक को एकल अंक में लाना है।
मुख्य विकास अधिकारी ने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए है की जनपद में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आईसीएमआर एवं नीति आयोग भारत सरकार तथा स्वामी राम हिमालियन इंस्टिट्यूट जौली ग्रांट के साथ आपसी समन्वय के साथ कार्य करें तथा जनपद में नवजात शिशु मृत्यु दर को एकल अंक में लाने हेतु सभी बेहतर ढंग से कार्य करें। मुख्य विकास अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए की चिकित्सालय रुड़की में माँ नवजात शिशु क्रिटिकल केंद्र खोलने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर आईसीएमआर टीम द्वारा चिकित्सालय रुड़की का निरीक्षण किया गया।
बैठक में आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉक्टर अमलीन शुक्ला, डॉ. कपिल जोशी, हिमालयन इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर वाइस चांसलर अशोक देवराडी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा सहित संबंधित अधिकार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।



