पवित्र छड़ी यात्रा का शुभारंभ, उत्तराखंड के तीर्थों और विकास को समर्पित

हरिद्वार,विजय सुब्रह्मण्यम
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा का शुभारंभ शुक्रवार को विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया। शुभ मुहूर्त में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर श्रीमहंत अवधेशानंद गिरि महाराज ने माया देवी मंदिर और श्री आनंद भैरव मंदिर में पूजन के उपरांत इस यात्रा को उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थों की ओर रवाना किया।
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महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि,“उत्तराखंड के हर क्षेत्र का विकास हो, उपेक्षित तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार हो और प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिले – यही इस यात्रा का उद्देश्य है। इस यात्रा के माध्यम से हम धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को जागृत करना चाहते हैं।”
उत्तराखंड के विकास और पलायन पर रोक का संदेश
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि यह यात्रा राज्य की सुख-समृद्धि, सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास, दुर्गम अंचलों में उच्च शिक्षण संस्थान और अच्छे अस्पतालों की स्थापना के उद्देश्य से निकाली गई है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि पलायन पर भी नियंत्रण संभव होगा।
सरकार और समाज दोनों के लिए संदेशवाहक
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि छड़ी यात्रा न केवल जनमानस को बल्कि सरकार को भी जागरूक करेगी कि उत्तराखंड में विकास की गंगा बहे और लोग अपने गांव-घरों में रहकर जीवन यापन कर सकें।
उपेक्षित तीर्थों का पुनर्स्थापन
महंत विरेंद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि पवित्र छड़ी के माध्यम से उपेक्षित पौराणिक तीर्थों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास हो रहा है। इससे विकास से वंचित क्षेत्रों में भी विकास की किरण पहुंचेगी।
‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की भावना से प्रेरित यात्रा
महामंडलेश्वर नारायण गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के नेतृत्व में यह यात्रा ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः’ की भावना के साथ पुनः प्रारंभ की गई है।
यात्रा का नेतृत्व और प्रमुख पड़ाव
छड़ी महंत और हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्र आनंद महाराज के नेतृत्व में यात्रा उत्तराखंड के विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर रही है।
प्रमुख पड़ाव:माया देवी मंदिर (हरिद्वार) से यात्रा का शुभारंभ
गोकर्ण आश्रम,भले गिरि आश्रम, स्वतंत्र पुरी आश्रम में स्वागत,ऋषिकेश के तारादेवी मंदिर, त्रिवेणी घाट, दुर्गा मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर, मायाकुंड और भरत मंदिर में दर्शन,गंगा आरती और पूजन के बाद ऋषिकेश में रात्रि विश्राम इस यात्रा में लगभग 100 नागा संन्यासियों का जत्था भी सम्मिलित है, जो पूरे मार्ग में धर्म, संस्कृति और जनजागरण का संदेश दे रहे हैं।
इस अवसर पर विशेष रूप से श्रीमहंत महेश पुरी महाराज (महामंत्री, जूना अखाड़ा) श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज,श्रीमहंत केदारपुरी महाराज (वरिष्ठ उपाध्यक्ष),श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज (दिल्ली संत महामंडल मंत्री)श्रीमहंत महाकाल गिरि महाराज,महंत अन्नपूर्णा पुरी महाराज (राष्ट्रीय अध्यक्ष, जूना अखाड़ा माई बाड़ा)महामंडलेश्वर ललित आनंद गिरि महाराज,श्रीमहंत आदित्य गिरि महाराज,श्रीमहंत पशुपति गिरि महाराज आदि महाराज मौजूद रहे।
पवित्र छड़ी यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक विरासत को संजोते हुए विकास और जनकल्याण के संदेश के साथ निरंतर अग्रसर है।