उत्तराखंडहरिद्वार

ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज को विश्नोई समाज के संतो महंतो एवं गणमान्य लोगों ने अर्पित की भावपूर्ण श्रद्धांजलि 

 

विश्नोई समाज के संतो महंतो महामण्डलेश्वरों एवं विश्नोई समाज के गणमान्य लोगों ने महंत प्रणवानंद महाराज को उत्तराधिकारी घोषित कर की चादर विधि

हरिद्वार।उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री विश्नोई आश्रम में ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज को विश्नोई संत समाज एवं देशभर से पधारे विश्नोई समाज के गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज के शिष्य महंत प्रणवानंद महाराज को चादर विधि एवं पगड़ी पहनाकर उत्तराधिकारी घोषित किया।श्रद्धांजलि सभा का आचार्य डा सचिदानंद महाराज ने संचालन किया।

इस अवसर पर आचार्य भगवानदास जांबा ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज ने समाज ओर देश सनातन धर्म संस्कृति को संरक्षित संवर्धित करने में अहम भूमिका निभाई और विश्नोई आश्रम को धर्म की राह दिखाई।

आचार्य कृष्णानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज का समूचा जीवन गौ गंगा गीता भगवान जम्भेश्वर को समर्पित था उन्होंने जीवन भर गौ हित में कार्य किया देश भर में गौशालाओं का निर्माण कराकर विधिवत संचालन किया।

आचार्य डॉ सचिदानंद ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने जीवन पर्यंत समाज के प्रति समर्पण की भावना लोगों में जागृत की।

नवनियुक्त उत्तराधिकारी प्रणवानंद महाराज ने कहा कि गुरुदेव के सभी शिष्य एक साथ मिलकर पूज्य गुरुदेव की देशभर में गौ सेवा के प्रकल्प को आगे बढ़ाने का काम करेंगे और समाज को एक साथ लेकर गुरु देव के सभी कार्यों को गति प्रदान करेंगे।महंत प्रणवानंद महाराज ने कहा कि संतो का जीवन समाज कल्याण के लिए होता है वे अपने गुरुदेव के बताए मार्ग पर चलकर समाज को बढ़ाने का काम करेंगे तभी हम सभी शिष्यों की गुरुदेव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

पूर्व सांसद जसवंत सिंह एवं मलखान सिंह ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज त्याग,तपस्या, सेवा,समर्पण,कर्तव्यनिष्ठ संत थे उन्होंने जीवन भर विश्नोई समाज को सद मार्ग दिखाकर ओर विश्नोई समाज को अग्रसर किया।महाराजश्री के असमय जाने से समाज शून्य हो गया है।ओर अब गुरुदेव के योग्य शिष्यों की ओर आंख लगाए बैठा है।

इस अवसर पर स्वामी जयानंद,राघवानंद,रमतानन्द,प्रभुतानंद, नरेशानंद,मनमोहन दास,आचार्य विश्वात्मानंद, गोविंदशरणानंद, सर्वा नन्द,जगदेवानंद, विश्वंभरानन्द,गजानंद,मुक्तेश्वरानंद, सागरानंद,सतानन्द, पौत्र शिष्य आचार्य अमृतानंद,ओंकारानंद, ब्रज देवानंद,

महंत प्रेमदास महाराज जांभा,महंत भगवानदास जांभा,महंत रामाकृष्ण समराथल,महंत छगनप्रकाश, महंत शिवदास,महंत कृष्णानंद आचार्य,महंत मनोहरदास शास्त्री,महंत भक्ति स्वरूप पिपासर,महंत नरसिंह दास,महंत इंद्र दास,स्वामी भगवान प्रकाश ,सत्यप्रकाश, लक्ष्मणनन्द चेतन प्रकाश मुकाम,राजेन्द्रानंद राजू महाराज,कृष्णानंद नेमावर,सुखदेव मुनि,रामशरणानंद आचार्य सालासर,रामशरणानंद मेंहराणा,शिवानंद,केशवानंद,सूर्य प्रकाशानंद,श्रवणदास आचार्य,स्वामी प्रेमदास समराथल,विष्णुदास,महेशानंद,अशोका नन्द,सुरजन दास,आत्मदेव,राजन प्रकाश, सुमंत ऋषि,मोहन दास,विवेकानंद,रामेश्वरानंद,रविदास,अखिलेश मुनि, जसराम दास,धर्मा नन्द, राजेश्वरा नंद, ऋषिघानंद,रमता नंद,योगा नन्द,जयरामदास,सत्यनारायण,श्रेष्ठ प्रकाश, रामाचार्य सोहनदास, सुबोधानंद,प्रवेशानंद,बलदेवानंद,भानु प्रकाश, अनुपम दास,निर्मल दास, कृष्ण दास,गोपाल दास,आचार्य डा सुदेवानंद महाराज,धर्मेंद्र विश्नोई, एडवोकेट दीपक कुमार विश्नोई,शुभम् चौधरी,प्रदीप बेनीवाल,संजय बांगड़वा,भानु प्रताप, पवन,प्रमोद गिरि,अश्वनी विश्नोई,जय सिंह,राजन विश्नोई,धर्मपाल विश्नोई,अनुराग थापन,अंकित विश्नोई,कुंवर भूपेंद्र सिंह,बिहारी लाल,दिग्विजय चौटाला,कुलदीप विश्नोई ,पप्पूराम,बीरबल शह,गोपाराम,डा सुरेन्द्र विश्नोई,कर्मवीर विश्नोई,विनीत विश्नोई,सहित सैकड़ों संतों महंतो एवं श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ओर नवनियुक्त उत्तराखिकारी महंत प्रणवानंद महाराज को चादर विधि कर आशीर्वाद शुभकामनाएं दी।

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