उत्तराखंडहरिद्वार

अखाड़ों आश्रमों में भाई भतीजावाद स्वीकार नहीं किया जाएगा:श्रीमहंत रविद्रपुरी

 

संत समाज ने दी ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा को श्रद्धांजलि

देश को एकता के सूत्र में बांधने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका:स्वामी अवधेशानंद गिरी

हरिद्वार। जूना अखाड़े के ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा की प्रथम पुण्य तिथी पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों और श्रद्धालु भक्तों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता करते हुए जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता और देश को एकता के सूत्र में बांधने में संत महापुरूषों की हमेशा अहम भूमिका रही है। ब्रह्मलीन पायलट बाबा ने योग और अध्यात्म के माध्यम से जिस प्रकार समाज का मार्गदर्शन किया। वह सदैव स्मरणीय रहेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा ने पूरे विश्व में योग और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में निर्णायक भूमिका निभायी। उनके जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि अखाड़ों आश्रमों में भाई भतीजावाद कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। भाई भतीजावाद करते हुए परिवारजनों को धार्मिक संपत्ति सौंपने वाले संतों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि इस संबंध में जल्द ही कमेटी का गठन कर कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी।

पायलट बाबा आश्रम की अध्यक्ष और पायलट बाबा की शिष्या महामंडलेश्वर केको आईकावा ने कहा कि गुरूदेव ने सेवा का जो मार्ग दिखाया है। उस का अनुसरण करते हुए आश्रम के विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से योग, अध्यात्म और धर्म जागरण का कार्य निरंतर जारी रहेगा।

जूना अखााड़े के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी ने कहा कि ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा ने पूरे विश्व में योग से लेकर समाधि तक का प्रचार किया। उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी व भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा संत समाज की दिव्य विभूति थे। ब्रह्मलीन पायलट बाबा की शिष्या साध्वी श्रद्धा गिरी एवं साध्वी चेतना गिरी ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया और आभार जताया। श्रद्धांजलि समारोह का संचालन महंत देवानंद सरस्वती ने किया। इस अवसर पर किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महंत राघवेंद्र दास, स्वामी गर्व गिरी, महंत केदारपुरी, महंत गोविंददास, महंत महेश पुरी, स्वामी शैलेष गिरी, महंत शिवशंकर गिरी, महामंडलेश्वर साध्वी राधा गिरी, महंत राम गिरी, महंत संजय गिरी, स्वामी चिदविलासानंद, महंत जसविन्दर सिंह, महंत सूर्यांाश मुनि, महंत गंगादास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, डा.दुष्यंत चौहान, अनिल कुमार, अनुज वालिया सहित अनेक संत महंत, गण्मान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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