उत्तराखंडहरिद्वार

ब्रिटिश संसद में गूंजा भारतीय अध्यात्म का स्वर

 

डॉ. चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति को मिला विशेष सम्मान

हरिद्वार 2 अगस्त।

ब्रिटेन की ऐतिहासिक संसद वेस्टमिंस्टर (हाउस ऑफ पार्लियामेंट) में आयोजित ‘पीस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव 2025’ में भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और नैतिक नेतृत्व के सार्वभौमिक संदेश को गौरवपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने भारत के सनातन मूल्यों, गायत्री मंत्र की साधना और वसुधैव कुटुम्बकम् की विचारधारा को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष प्रभावशाली ढंग से रखा। इस आयोजन में डॉ. पण्ड्या के नेतृत्व में भारत से गए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जो वर्तमान में भारतीय संस्कृति के वैश्विक विस्तार एवं संवाद के उद्देश्य से विदेश प्रवास पर है।

यह आयोजन ब्रिटेन की संसद (हाउस ऑफ पार्लियामेंट, वेस्टमिंस्टर) में आयोजित हुआ, जो स्वयं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। बता दें कार्यक्रम का आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा किया गया था, जो कि न केवल एक बौद्धिक विमर्श था, बल्कि भारतीय संस्कृति के सार्वभौमिक मूल्यों — वसुधैव कुटुम्बकम्, करुणा एवं स्वधर्म  को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का एक ऐतिहासिक अवसर भी बना। इसके माध्यम से यह संदेश पुनः स्पष्ट हुआ कि भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपराएं आज के समय में भी विश्व के लिए मार्गदर्शक भूमिका निभा रही हैं।

इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. पण्ड्या ने कहा कि शांति केवल एक बाहरी स्थिति नहीं, बल्कि आंतरिक चेतना का विस्तार है। भारतीय दर्शन हमें सिखाता है कि नेतृत्व का मूल आधार आत्मानुशासन, करुणा और वैश्विक कल्याण की भावना में निहित होना चाहिए। युवा आइकॉन डॉ. पंड्या के भारतीय जीवन मूल्यों, गायत्री मंत्र, आध्यात्मिक नेतृत्व और विश्व बंधुत्व की विचारधारा की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा प्रतिपादित विचार आज भी मानवता के लिए सच्चा मार्गदर्शक साबित हो रहे हैं।

कार्यक्रम में कई विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय विचारक एवं गणमान्य अतिथि शामिल हुए, जिनमें लॉर्ड क्रिश रावल, निदेशक, फेथ इन लीडरशिप (यूके), डॉ. मार्क ओवेन, निदेशक, सेंटर फॉर रिलिजन, रीकंसीलेशन एंड पीस, यूनिवर्सिटी ऑफ विंचेस्टर, मिस्टर विलियम जोन्स, सीनियर फेलो, फ्यूचर फॉर लाइफ इंस्टिट्यूट जैसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उपस्थित महानुभावों को युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने गायत्री महामंत्र लिखित मंत्रचादर, युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया।

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने युवा आइकॉन डॉ. पण्ड्या के विचारों की सराहना की और कहा कि भारतीय आध्यात्मिकता को आज के नेतृत्व और नीतिगत विमर्श के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। ज्ञात हो कि यह आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा 2026 में आयोजित होने जा रहे गायत्री परिवार की संस्थापिका वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्म शताब्दी समारोह एवं अखंड दीप के शताब्दी वर्ष से पूर्व वैश्विक स्तर पर लोगों को जोड़ना है।

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