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भगवती की आराधना से होता सुख समृद्धि का वास: श्रीमहंत रविंद्रपुरी

वर्ष में चार होते हैं नवरात्र, दो गुप्त और दो उजागर : श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्र में माँ भगवती का पूजन होता है। भगवती पूजन से सभी कष्ट दूर होते हैं। घरों में सुख समृद्धि का वास होता है। वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। दो गुप्त और दो उजागर। इनमें से चैत्र और आश्विन मास में उजागर नवरात्र होते हैं। माघ और आषाढ़ के नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।
श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि माघी गुप्त नवरात्र बुधवार से शुरू हो गये हैं। इस बार गुप्त नवरात्र पूरे नौ दिनों के हैं। प्रतिपदा और द्वितीया दोनों एक ही दिन होने से मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी देवी के साथ ही दश महाविद्या की साधना के साथ माघी गुप्त नवरात्रि शुरू होंगे। गुप्त नवरात्र में घट स्थापना, उपवास व दुर्गा सप्तशती के सात सौ महामंत्रों के साथ देवा मां की आराधना की जाती है। वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। दो गुप्त और दो उजागर। इनमें से चैत्र और आश्विन मास में आने वाले नवरात्र को उजागर नवरात्र कहते हैं। माघ और आषाढ़ के नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में नवरात्रों का बहुत महत्व होता है। मां दुर्गा के नौ रूप होते हैं। जिसमें शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री माता हैं, जिनकी नवरात्रि में पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी हैं, जिनकी गुप्त नवरात्रि में गुप्त तरीके से पूजा उपासना की जाती है।

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