उत्तराखंडहरिद्वार

मनसा देवी चरण पादुका मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को वितरित की गई श्रीमद्भागवत गीता की पुस्तकें

 

*श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने सरकारी स्कूलों में गीता पढ़ाने के धामी सरकार का किया स्वागत*

*श्रीमद्भागवत गीता मानव जीवन के हर पहलू को छूती है:श्रीमहंत रविंद्रपुरी*

*गीता केवल धार्मिक पुस्तक नहीं बल्कि जीवन दर्शन है, जो हर किसी को आत्मबोध की ओर ले जाती है:मनीष सिंह*

हरिद्वार।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा देवभूमि हरिद्वार के मनसा देवी चरण पादुका मंदिर परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत गीता की पुस्तकें वितरित की गईं।

इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज और हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) के सचिव मनीष सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इस मौके पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक और सराहनीय निर्णय है। उन्होंने कहा कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन को समझने, उसे सही दिशा में जीने और हर परिस्थिति में धैर्य व विवेक बनाए रखने की प्रेरणा देती है।

श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा”श्रीमद्भागवत गीता मानव जीवन के हर पहलू को छूती है। यह धर्म, कर्म, नीति और आचरण का ऐसा मार्गदर्शन देती है, जो बच्चों को बचपन से ही नैतिक मूल्यों की समझ और जीवन जीने की कला सिखाएगी।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विशेष आभार जताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश और प्रदेश में सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं।

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी तकनीक और आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसके साथ ही उसे अपनी जड़ों और संस्कृति से भी जुड़ा रहना जरूरी है। स्कूलों में गीता पढ़ाने से बच्चों के चरित्र निर्माण में मदद मिलेगी और वे एक अच्छे नागरिक के रूप में समाज को दिशा देंगे।

कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं को गीता की महत्वता के बारे में बताया गया और उन्हें गीता के नियमित अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया। एचआरडीए सचिव मनीष सिंह ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि गीता केवल धार्मिक पुस्तक नहीं बल्कि जीवन दर्शन है, जो हर किसी को आत्मबोध की ओर ले जाती है।

इस अवसर पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्री महंत रामरतन गिरि,मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री महंत राजगिरि,भोला शर्मा,विश्व गुरु शंकराचार्य दशनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय महासचिव प्रमोद गिरि आदि मौजूद रहे।

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