महाशिवरात्रि पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने देश वासियों को शुभकामनाएं दी

हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर महाशिवरात्रि के महत्व, व्रत और पूजा की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की आराधना और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का विशेष दिन है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के व्रत और पूजा से श्रद्धालु अपने जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और आत्मिक शांति की प्राप्ति करते हैं।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु दिनभर उपवासी रहते हैं और रातभर जागरण करते हुए भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, घी, दही, बेलपत्र और अक्षत चढ़ाने का महत्व है। भगवान शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है, इसलिए इसे विशेष रूप से चढ़ाना चाहिए। साथ ही, रात्रि को भगवान शिव के रुद्राभिषेक और महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप करना भी बहुत लाभकारी है।
शिवजी को प्रसन्न करने के लिए श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि भगवान शिव को विशेष रूप से तामसिक पदार्थों से दूर रहने, सत्य बोलने, अहंकार को त्यागने और नियमित रूप से भक्ति करने से प्रसन्नता मिलती है। इसके अलावा, भगवान शिव को बेलपत्र, जल, दूध, ताम्र पात्र और चंदन चढ़ाने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है। वे सच्चे भक्तों की पूजा से प्रसन्न होते हैं, और जो लोग निष्कलंक मन से उन्हें समर्पित होकर पूजा करते हैं, उनके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि शिवजी की पूजा में विशेष रूप से अहंकार, क्रोध और द्वेष को त्यागकर प्रेम और समर्पण की भावना से पूजा करना चाहिए। शिवजी अपनी सरलता और करुणा के लिए प्रसिद्ध हैं, और जो सच्चे दिल से उन्हें पूजते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने सभी भक्तों से आह्वान किया कि वे महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर सच्चे मन से व्रत रखें और शिवजी की पूजा करें, ताकि वे भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकें।