श्री गंगोत्री धाम से 1100 सो लीटर गंगाजल कलश पहुंचा मनसा देवी चरण पादुका मंदिर, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने किया स्वागत
हरिद्वार/विजय सुब्रह्मण्यम
हरिद्वार। श्री गंगोत्री धाम से पवित्र गंगाजल का कलश (1100 लीटर)लेकर आज श्री पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी मायापुर स्थित श्री मनसा देवी चरण पादुका मंदिर में पहुंचा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने स्वयं इस विशेष अवसर पर उपस्थित होकर गंगाजल कलश का भव्य स्वागत किया और विधि विधान से पूजन किया। इस कार्यक्रम में धर्म और आस्था का भाव लोगों के हृदयों में गहराई से झलक रहा था।
श्री गंगोत्री धाम से लाए गए गंगाजल के इस कलश को पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है। जैसे ही गंगाजल कलश अखाड़ा परिसर में पहुंचा, श्रद्धालुओं और संतों ने मिलकर इसे भक्ति भाव के साथ मंदिर तक लाया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज एवम् डॉ सुनील कुमार बत्रा ने गंगाजल कलश का विधिपूर्वक पूजन किया। उन्होंने मंत्रोच्चार और वैदिक विधियों के साथ इस पवित्र जल को मंदिर में अर्पित किया। इस दौरान पूजा स्थल पर भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। सभी उपस्थित जनों ने गंगाजल के स्पर्श और दर्शन को अपने जीवन का पुण्य क्षण माना।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष श्री गंगोत्री धाम रावल जी गंगाजल लेकर हरिद्वार पहुंचे है और कल सुबह यात्रा सुबह रवाना होगी।
इस अवसर पर विशेष तौर पर श्री गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज को भी आमंत्रित किया गया था। जब रावल शिवप्रकाश महाराज मंदिर पहुंचे, तो श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने उन्हें चुनरी उड़ाकर सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह भव्यता से परिपूर्ण था, जिसमें संतों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। इस सम्मान समारोह के दौरान भक्ति संगीत की गूंज और जयकारों ने पूरे परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
पूजा के पश्चात श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए गंगा नदी की पवित्रता और धार्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि गंगा की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए हम सबको संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने गंगा संरक्षण के महत्व पर बल दिया और इसे भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने की अपील की।
पूजा समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं ने गंगा की महिमा को गाते हुए वातावरण को पवित्र किया। चारों ओर भक्तिमय माहौल था, और लोगों के हृदयों में आस्था की लहर दौड़ रही थी। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के साधु-संतों और स्थानीय भक्तों ने बड़े उत्साह के साथ इस पूरे आयोजन में भाग लिया। पूजन के बाद प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें सभी ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया।
यह आयोजन न केवल धार्मिक था, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी प्रसारित कर रहा था। श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज के अनुसार, गंगा केवल जलधारा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है। उन्होंने गंगा के प्रति श्रद्धा और आदर को बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि गंगा हमारी जीवनदायिनी है और इसकी स्वच्छता के प्रति हमें सजग रहना चाहिए।
पूरे आयोजन ने हरिद्वार को एक बार फिर धार्मिकता और आध्यात्मिकता के केंद्र में ला दिया। श्री गंगोत्री धाम से आए गंगाजल का विशेष पूजन और स्वागत समारोह न केवल भक्तों के लिए एक विशेष अवसर था, बल्कि यह गंगा के प्रति हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा,डॉक्टर विशाल,रवि देव शास्त्री राकेश गोयल आदि मौजूद रहे।