हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर एवं भारत माता मंदिर के महंत स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि गीता पाठ करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। हिंदू धर्म में गीता को पवित्र ग्रंथ माना गया है। गीता का पाठ मात्र करने से मनवांछित फल और सुख प्राप्त होते हैं।
उक्त उदगार उन्होंने मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि गीता जयंती पर कही। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने गंगा स्नान पूजनोपरांत साध्वी के आश्रम में सामूहिक गीता पाठ व भंडारे का आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन को गीता ज्ञान दिया था। इस ग्रंथ में 18 अध्याय हैं। इनमें व्यक्ति के जीवन का संपूर्ण सार बताया गया है। सनातन धार्मिक ग्रंथों एवं पुराणों में वर्णित है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता उपदेश दिया था। इसके लिए गीता जयंती का विशेष महत्व है। खासकर मार्गशीर्ष का महीना बेहद शुभ होता है। गीता ग्रंथ का प्रादुर्भाव मार्गशीर्ष मास में शुक्लपक्ष की एकादशी को हुआ था।गीता जयंती के दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी ने हंस फाउंडेशन संस्थापक माताश मंगला एवं भोले महाराज के सहयोग से नगर के विभिन्न भागों में खाद्यान्न सामग्री और कोरोना कीटों का वितरण भी किया। उन्होंने कहा कि हंस फाउंडेशन की सेवाओं का कार्य पूरे देश में गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को नया जीवन प्रदान कर रहा है।
भोले महाराज व माता मंगला ने अपना पूरा जीवन परमार्थ के लिए लिए समर्पित किया है। उनके लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में वे जन सेवा के प्रत्येक क्षेत्रों में अनेक कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर भारत माता मंदिर के सचिव आईडी शास्त्री जी, हरिहर जोशी, उदय नारायण पांडे, परशुराम, साध्वी बालव्रती गीता योगी, साध्वी सुनीता, भारत माता मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित कृष्णा आचार्य, स्वामी जगदीशानंद, बजरंग द्विवेदी, हेमलता नेगी, आलोक यादव, राहुल शुक्ला, कृष्ण कुमार आदि उपस्थित रहे।