

हरिद्वार।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश पर तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के निर्देशानुसार स्व. राजीव गांधी के सहादत दिवस पर 1 सप्ताह तक कांग्रेस द्वारा

-द्वार द्वार उपचार-कार्यक्रम के अंतर्गत 2 दिन पूर्व महानगर कांग्रेस कमेटी हरिद्वार द्वारा आज ब्लड बैंक हरिद्वार में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।आज प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने तूफानी दौरा किया जिसमें पहले देहरादून, ऋषिकेश तथा उसके बाद हरिद्वार रक्तदान शिविर में पहुंचे जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कोरोना संकटकाल में एक्शन मोड में हैं।केंद्र व देहरादून की सरकारें कोरोना से निपटने में पूरी तरह फेल हो चुकी हैं। जनता को राम भरोसे छोड़ दिया है।इसलिए कांग्रेस अहम भूमिका निभा रही है। अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल के भयावह दौर में रक्त की कमी भारी कमी लोगों के मौत का सबब बन रही है।इस कठिन समय में निशुल्क एंबुलेंस सेवा, राशन तथा राहत केंद्र के माध्यम से दिन-रात प्रदेश की सेवा में जुटी उत्तराखंड कांग्रेस के आपसी सहयोग,समन्वय व सद्भाव के द्वारा इस समस्या के निराकरण हेतु सार्थक प्रयास करने का निर्णय लिया है।पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के बलिदान दिवस की स्मृति में 19 मई से 25 मई तक प्रदेश व्यापी रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रदेश महासचिव डॉ संजय पालीवाल ने कहा कि आज 44 यूनिट रक्त ब्लड बैंक में दिया गया तथा इसके बाद 21 तारीख को भी गरीब बस्तियों में जाकर राशन अध्ययन आदि का वितरण करेंगे ताकि लोगों को राहत मिल सके।महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह भारी बारिश में लोग रक्तदान करने के लिए पहुंचे मैं हृदय की गहराइयों से उनका तथा सभी कांग्रेस जनों का जिन्होंने इस महान कार्य में सहयोग दिया सभी का आभारी रहूंगा।कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष रामयश सिंह,प्रदेश सचिव प्रदीप चौधरी,सतपाल ब्रह्मचारी,जिलाध्यक्ष बिमला पांडे,सचिव शशी झा,ब्लॉक अध्यक्ष गण शुभम अग्रवाल,यशवंत सैनी,रवि कश्यप,शैलेंद्र सिंह एडवोकेट,गुलबीर सिंह, महेश प्रताप राणा,अशोक उपाध्याय,अशोक शर्मा,प्रदीप अग्रवाल,डॉ दिनेश पुंडीर,अमन गर्ग,राजीव भार्गव,सपना सिंह,नीलम शर्मा,रवीश भटीजा,सुरेंद्र सैनी,नवेज अंसारी,सुनील सिंह,आशीष भारद्वाज,जतिन हांडा,दीपक कोरी,अनंत पांडे आदि ने शिविर में अपना पूर्ण रूप से योगदान दिया।