महा कुम्भ 2021हरिद्वार

भिक्षा नही शिक्षा:पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार की प्रेरणा से भिक्षुओं के जीवन मे सार्थक बदलाव लाने के लिए कुम्भ मेला पुलिस द्वारा शुरू की गई पहल


पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार की प्रेरणा से भिक्षुओं के जीवन मे सार्थक बदलाव लाने के लिए कुम्भ मेला पुलिस द्वारा शुरू की गई पहल आज अपने मुकाम पर पहुँच गई है।

इस वर्ष जनवरी माह में कुंभ मेला पुलिस द्वारा आगामी कुम्भ मेला की व्यवस्थाओं को दृष्टिगत रखते हुए हर की पैड़ी एवं आसपास के क्षेत्र को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान चलाया गया। लेकिन इस बार कुंभ मेला पुलिस द्वारा चलाया गया यह अभियान अपने आप में अनोखा और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण था। आज तक के इतिहास में हर की पैड़ी को जब भी भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान चलाया गया है तो वह अभियान मात्र भिक्षुकों को पकड़कर भिक्षुक गृह में दाखिल करने तक ही सीमित रहा है। जिसका परिणाम यह होता है कि पकड़े गए भिखारी भिक्षुक गृह की अभिरक्षा अवधि खत्म होने के बाद जैसे ही छूटते थे तो वापस हर की पैड़ी पर आकर भिक्षावृत्ति में लिप्त हो जाते थे और हर की पैड़ी फिर से भिखारियों से गुलजार नजर आने लगती थी।

लेकिन इस बार हर की पैड़ी को भिक्षुक मुक्त कराने का अभियान अशोक कुमार पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड पुलिस की मानवीय पहल भिक्षा नही शिक्षा की अगली कड़ी के तौर पर चलाया गया। अभियान का उद्देश्य पकड़े गए भिक्षुक के जीवन में इस प्रकार का परिवर्तन लाना था, जिससे कि वह भिक्षावृत्ति त्याग कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित हो। अभियान का नेतृत्व संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ मेला 2021 हरिद्वार को सौंपा गया।

अभियान के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों, अखाड़ों, धार्मिक एवं समाजसेवी संस्थाओं तथा सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से भी सहयोग प्राप्त किया गया।

सर्वप्रथम कुंभ मेला पुलिस द्वारा चौकी हर की पैड़ी पुलिस की सहायता से लगातार अभियान चलाकर हर की पेडी एवं आसपास के क्षेत्रों में भीख मांग रहे 183 भिक्षुकों को भिक्षुक गृह भेजा गया। पकड़े गए भिक्षुकों को भिक्षुक गृह रोशनाबाद लाकर उनका नाम पता आदि नोट किया गया और ततपश्चात स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम द्वारा उनका कोरोना से संबंधित रैपिड एंटीजन टेस्ट करा गया।

इसके बाद भिक्षुकों के कायाकल्प की कार्रवाई प्रारंभ की गई जिसके अंतर्गत सबसे पहले उनकी सेविंग-कटिंग का कार्य बुलाये गए वोलियेन्टर हेयर एक्सपर्ट द्वारा किया गया। इस दौरान कई भिक्षुक ऐसे पाए गए जिनके सिर में बुरी तरह से जुएं पड़ी थी और बाल गन्दगी से अटे पड़े थे। इस वजह से वह शारीरिक रूप से अत्यंत दुर्बल और बीमार स्थिति में आ चुके थे। कटिंग-सेविंग होने और बालों से जुओं सहित गंदगी दूर हो जाने के बाद उन्हें काफी राहत महसूस हुई। कटिंग-शेविंग के बाद कई भिक्षुक ऐसे थे जो शीशे में खुद को भी नही पहचान पाए।

सेविंग-कटिंग और नहलाने धुलाने के बाद सभी भिक्षुकों को मौसम के अनुसार नए कपड़े दिए गए। इसके बाद आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल द्वारा सभी भिक्षुकों से वार्ता की गई और उन्हें प्रेरित करते हुए बताया गया कि इस बार कुंभ मेला पुलिस का उद्देश्य उन्हें पकड़कर सिर्फ भिक्षुक गृह में बंद करना नहीं है बल्कि जो लोग भिक्षावृत्ति छोड़कर सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन करना चाहते हैं उनकी मदद करना भी है।

मेला आईजी द्वारा भिक्षुकों को बताया गया कि जो लोग कोई काम सीखने के इच्छुक हैं उन्हें उनकी योग्यता एवं शारीरिक स्थिति के अनुसार भिक्षुक गृह की अभिरक्षा अवधि में और उसके बाद भी कोई हाथ का हुनर वाला काम सिखाया जाएगा ताकि वह स्वरोजगार कर सम्मान पूर्वक अपना जीवन यापन कर सकें।

इसके अलावा शारीरिक रूप से सक्षम भिक्षुकों को पुलिस की मेस, पुलिस लाइन एवं थानों के विभिन्न प्रकार कार्यों में संविदा पर भी रखा जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक महोदय के इस आश्वासन पर अनेक भिक्षुक पुलिस के सहयोग से अपने जीवन को बदलने के लिए आशान्वित होकर तैयार हो गए।

भिक्षुक गृह में अभिरक्षा अवधि के दौरान पुलिस मैस के विशेषज्ञ कुकों (chef) के द्वारा इच्छुक भिक्षुकों को खाना बनाने के गुर सिखाए गए। अभिरक्षा अवधि पूरी होने पर इन 183 भिक्षुकों में से 110 को वापस भिक्षावृति में न जाने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, 57 ने घर वापस जाने की इच्छा जताई, जिन्हें थानाध्यक्ष जीआरपी श्री अनुज सिंह द्वारा घर भेजने की व्यवस्था कर उन्हें उनके घर भेजा गया। इन सभी भिक्षुकों में से 16 भिक्षुक ऐसे थे जो अभिरक्षा अवधि पूरी होने के बाद सम्मानजनक जीवन जीने के पुलिस के बताए रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते थे।

इन सभी 16 भिक्षुकों को अच्छा व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए सिडकुल में स्थित होटल रेडिसन प्रबंधन से वार्ता की गई। होटल रेडिसन प्रबंधन के द्वारा इस मानवीय कार्य मे सहर्ष सहभागिता करने की इच्छा जाहिर की गई और अपने पेशेवर सेफ और कर्मचारियों से 16 भिक्षुकों को होटल व्यवसाय का प्रशिक्षण दिया गया। फरवरी माह में प्रशिक्षण पूरा होने पर इन सभी 16 भिक्षुकों को थाना/चौकी और पुलिस लाइन की मेसों में संविदा पर कार्य पर लगा दिया गया।

इसी दौरान इन सभी भिक्षुकों के आधार कार्ड बनवाकर इनके बैंक खाते खुलवाए गए। वर्तमान में इन सभी नए भिक्षुक पुलिस कार्मिकों को अपना मासिक वेतन अपने खातों पर प्राप्त हो चुका है। इनमें से कुछ भिक्षुकों के द्वारा अपनी पहली कमाई का कुछ अंश अपने घर भी भेजा गया है। पहला वेतन मिलने के बाद आईजी कुम्भ महोदय द्वारा इन भिक्षुक पुलिस कार्मिकों को मिलने के लिए अपने कार्यालय में बुलाया गया और इनसे इनकी समस्याओं के बारे में जानना चाहा तो इनमें से अधिकतर अपने भविष्य को लेकर आशंकित थे कि क्या कुम्भ खत्म होने के बाद भी उन्हें इसी प्रकार कोई नौकरी मिल सकेगी या नही।

उनकी इस आशंका को सही मानते हुए आईजी कुम्भ के द्वारा सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों से इस सम्बंध ने बात की तो एसोसिएशन के द्वारा पदाधिकारियों सभी 16 भिक्षुक कार्मिकों को उनकी योग्यता अनुसार कम्पनियों में काम देने का आश्वासन दिया गया।

आज सभी भिक्षुक कार्मिकों को पुनः प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए भल्ला कॉलेज मुख्य कुम्भ पुलिस लाइन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आईजी कुम्भ श्री संजय गुंज्याल ने अपने प्रेरक उदबोधन के माध्यम से समाज की मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी 16 भिक्षुक कार्मिकों को प्रेरित किया और इस मानवीय कार्य मे अभूतपूर्व योगदान देने वाली पुलिस टीम को बधाई और साधुवाद दिया। कार्यक्रम के अंत मे आईजी कुम्भ के द्वारा सभी भिक्षुक कार्मिकों को नए वस्त्र, जूते और एक कम्बल देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मंच संचालन अपर पुलिस अधीक्षक श्री सुरजीत पंवार के द्वारा किया गया। पुलिस उपाधीक्षक जीआरपी तपेश कुमार के द्वारा इस भिक्षा से शिक्षा की ओर कार्यक्रम में शुरू से लेकर अभी तक की गई कार्यवाही के बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया गया। कार्यक्रम के दौरान एस पी जीआरपी मंजूनाथ टी सी, पुलिस उपाधीक्षक धन सिंह तोमर, कमल सिंह पंवार, शांतनु पाराशर, अनुज कुमार, सुरेश बलूनी, आर आई लाइन अनुराग चौधरी एवं उ0नि0 मुकेश शर्मा मौजूद रहे।

lakshyaharidwar

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