उत्तराखंडदेहरादून

राज्य सहकारी संघ और गुरु राम राय विश्वविद्यालय मिलकर करेंगे सहकारी मॉडल में उद्धार

 

*उत्तराखंड में सहकारिता और परंपरा का ऐतिहासिक मेल — गुरु राम राय विश्वविद्यालय और राज्य सहकारी संघ के बीच होने जा रहा बहुपरतीय रणनीतिक समझौता*

उत्तराखंड राज्य की सहकारी व्यवस्था को सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ एवं उत्तराखंड रेशम फेडरेशन, गुरु राम राय विश्वविद्यालय और इसके अधीन संस्थानों के साथ एक महत्वपूर्ण सहयोग समझौता (MoU) करने जा रहे हैं, जो न केवल पारंपरिक उत्पादों को नया बाजार देगा, बल्कि आधुनिक कृषि, महिला सशक्तिकरण और जैविक विकास के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी भूमिका निभाएगा।

संयुक्त प्रयास से सहकारिता को मिलेगा नया आयाम

इस समझौते के तहत, उत्तराखंड रेशम फेडरेशन के पारंपरिक उत्पाद — रेशमी शॉल, टोपी, मफलर, दीक्षांत गाउन आदि अब गुरु राम राय समूह के चिकित्सा एवं शैक्षणिक संस्थानों के दीक्षांत समारोहों में उपयोग किए जाएंगे। साथ ही, इन संस्थानों में इन उत्पादों के बिक्री केंद्र (आउटलेट) खोले जाएंगे, जिससे स्थानीय महिला समूहों, बुनकरों व कारीगरों को स्थायी रोजगार के अवसर मिलेंगे।

आधुनिक कृषि प्रशिक्षण केंद्र और बहुआयामी कृषि मॉडल का निर्माण

इस समझौते का सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू है — गुरु राम राय संस्थान की अप्रयुक्त परिसंपत्तियों पर मॉडर्न एग्रीकल्चर ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना। इसके अंतर्गत कई बहुआयामी कृषि परियोजनाएं प्रस्तावित हैं:

ऑर्गेनिक फार्मिंग और अरोमा फार्मिंग

फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) व हॉर्टिकल्चर (बागवानी)

मशरूम फार्मिंग, बी-कीपिंग (मधुमक्खी पालन)

सीबी प्लांट, पॉलीहाउस, और एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट्स

अन्य कृषि आधारित प्रशिक्षण व उत्पादन गतिविधियां

यह परियोजना किसानों, महिलाओं और युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर और आधुनिक कृषि उद्यमी बनने की दिशा में प्रेरित करेगी।

*यह समझौता क्यों है विशेष?*

महिलाओं को हस्तशिल्प, विपणन और प्रसंस्करण में मिलेगा स्वरोजगार

युवाओं को कृषि आधारित आधुनिक प्रशिक्षण, तकनीकी जानकारी और उद्यमिता का मार्ग

परंपरागत उत्पादों को मिलेगा संस्थागत मंच और स्थानीय बाजार

गुरु राम राय संस्थान की परिसंपत्तियों का होगा जनहित में उपयोग

उत्तराखंड को मिलेगा एक आदर्श “सहकारिता-परंपरा-संवर्धन मॉडल”

*माननीय सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का बयान*

“उत्तराखंड की सहकारी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए हमें नवाचार, साझेदारी और संसाधनों के समुचित उपयोग की आवश्यकता है। गुरु राम राय विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक-सामाजिक संस्थान के साथ यह साझेदारी केवल एक समझौता नहीं, बल्कि एक नवीन सहकारी दर्शन का आरंभ है। इस परियोजना से हम महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी, किसानों को तकनीकी रूप से दक्ष, और युवाओं को उद्यमशीलता की राह पर अग्रसर करने जा रहे हैं। मेरा विश्वास है कि यह मॉडल पूरे देश में सहकारी विकास की एक नई प्रेरणा बनेगा।”

*प्रबंध निदेशक श्री आनंद शुक्ल का वक्तव्य*

“यह समझौता माननीय सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन का प्रतिफल है। गुरु राम राय विश्वविद्यालय जैसे सामाजिक-शैक्षणिक संस्थान के साथ जुड़कर हम सहकारिता को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। आधुनिक कृषि प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से महिलाएं, किसान और युवा नई तकनीकों को अपनाकर स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर होंगे। यह मॉडल न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए अनुकरणीय बन सकता है।”

इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ एवं रेशम फेडरेशन के प्रबंध निदेशक श्री आनंद शुक्ल ने गुरु राम राय के महंत श्री देवेंद्र दास जी से भेंट कर प्रस्तावित योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। महंत जी ने योजना पर सहमति व्यक्त करते हुए इसे सामाजिक उत्थान के लिए अत्यंत उपयोगी बताया और एक ठोस व्यवसाय योजना जल्द प्रस्तुत करने को कहा।

lakshyaharidwar

Lakshya Haridwar Pallavi Genral Store, Gali No -3 Birla Farm, haripur klan, Dehradun 9411111512

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