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नकल विरोधी कानून बनाकर सीएम धामी ने रचा इतिहास: श्रीमहंत रविंद्र पुरी

  • हरिद्वार।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने सीएम धामी को दिया साधुवाद
    हरिद्वार: प्रदेश में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले माफिया पर नकेल कसने के लिए नकल विरोधी कानून पारित करने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद दिया है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे कठोर नकल कानून बनाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इतिहास रच दिया है और इस कानून से प्रदेश में अब नकल माफिया सिर उठाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा और प्रदेश की युवा प्रतिभाएं योग्यता के आधार पर नौकरियां प्राप्त कर उत्तराखंड को तरक्की के नए पद पर लेकर जाएंगी।
    श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज महिला आरक्षण अध्यादेश लागू करने के लिए भी धामी सरकार बधाई की पात्र है। मीडिया को जारी बयान में अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के लिए उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। यह अत्यंत सराहनीय प्रयास है। राज्य में जो नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, उसमें भर्ती परीक्षाओं में अनुचित कार्य करने की मंशा रखने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। इससे भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता तथा निष्पक्षता के साथ होंगी। इसी प्रकार सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण अध्यादेश और नकल विरोधी कानून के माध्यम से उत्तराखंड की बेटियों के लिए सरकारी नौकरियों में रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी युवा मुख्यमंत्री हैं और प्रदेश के युवाओं की भावनाओं व आवश्यकताओं को अच्छी तरह जानते हैं। इसीलिए पेपर लीक मामला सामने आने पर सिर्फ आरोपियों को जेल भेजने का ही काम नहीं किया, बल्कि भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए भी एक ठोस कानून बनाकर नजीर कायम की है। कानून बनने से प्रदेश में युवा अपने डर होकर भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं और अपने भविष्य और प्रदेश की उन्नति में चार चांद लगा सकते हैं।

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