
भैरव जयंती पर हनुमान मंदिर के महंत रविपुरी के सानिध्य में पूजन कर किया गया अभिषेक
हरिद्वार।संदीप शर्मा
हरिद्वार। हरिद्वार में कुशावृत घाट के समीप प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत रविपुरी महाराज ने कहा कि भगवान काल भैरव साधना संकटों का हरण करने वाली होती है। काल भैरव की कृपा हो जाए तो बुरी शक्तियां दूर से ही देख कर भाग जाती हैं। काम में कोई अड़चन नहीं आती है। हर तरह के दु:ख दूर हो जाते हैं।
काल भैरव जयंती के अवसर पर प्राचीन हनुमान मंदिर में महंत रविपुरी महाराज के सानिध्य में काल भैरव की पूजा अर्चना कर अभिषेक किया गया। इसके उपरांत मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। काल भैरव जयंती के बारें में बताते हुए महंत रविपुरी महाराज ने कहा काल भैरव शिव का रुप हैं। काल भैरव अष्टमी या जयंती कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की आठवीं को होती है। काल भैरव की उत्पत्ति शिव के खून से हुई है। शिव के खून के दो भाग हुए, पहले से बटुक भैरव और दूसरे से काल भैरव उत्पन्न हुए। भैरव, शिव का प्रचंड रुप दर्शाया गया है। भैरव का मतलब होता है भय को हरने वाला यानि भय को खत्म करने वाला।उन्होंने बताया कि काल भैरव भगवान शिव का रौद्र, विकराल एवं प्रचंड लस्वरूप है। तंत्र साधना के देवता काल भैरव की पूजा रात में की जाती है। इसलिए अष्टमी में प्रदोष व्यापनी तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन तंत्र साधना के लिए उपयुक्त माना गया है। काल भैरव को दंड देने वाला देवता भी कहा जाता है। इसलिए इनका शस्त्र दंड है।
अंकित पूरी पुष्पेंद्र शर्मा आयुष बालमुकुंद नवीन नीरज शर्मा पंकज भरत गोपाल पटवर अनिल कुमार रमन अलका उमा , चिराग आशु मयंक मुकुल अमन हिमांशु अंकुर पीयूष जाटव आदी उपस्थित रहे