हरिद्वार: निर्मल भेख के संतों-महंतों को असामाजिक तत्व बताकर अखाड़े की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात करने की मांग करने की मांग पर पंचायती अखाड़ा निर्मला के महंत प्रेम सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। मीडिया को बयान जारी कर उन्होंने बताया कि महंत देवेन्द्र सिंह पंचायती अखाड़े का कोई पदाधिकारी नहीं है। पंचायती अखाड़े निर्मला के श्रीमहंत रेशम सिंह, अध्यक्ष हैं और महंत जगतार सिंह अखाड़े के सचिव है।
महंत प्रेम सिंह ने कहा कि अखाड़े की संपति खुर्दबुर्द करने की नीयत से हमारे संतों-महंतों पर धमकी के गलत वह गुमराह करने वाले आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि सचाई यह है कि महंत ज्ञानदेव सिंह, महंत देवेंद्र सिंह व अन्य नौ महंतों व दो प्रॉपर्टी डीलरों के विरुद्ध अखाड़े के पांच एकड़ भूमि खुर्दबुर्द कर लगभग 25 करोड़ रुपए के गबन के सिटी थानेसर कुरुक्षेत्र में वर्ष 2019 में दर्ज दो मुकदमों में उनकी
ज़मानते माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से नामंजूर हो चुकी हैं।
अखाड़ा के सचिव महंत जगतार सिंह ने बताया कि निर्मल भेख साधू-संतों व महतों की एक धार्मिक संस्था है और इसका अपना के संविधान है और निर्मल भेख पंचायती अखाड़े की एक सुप्रीम बॉडी है, पंचायती अखाड़े का प्रत्येक सदस्य व पदाधिकारी निर्मल भेख के अधीन संविधान के अंतर्गत काम करता रहा है और किसी को सरकारी सुरक्षा के ज़रूरत नहीं थी। महंत ज्ञान देव सिंह को अध्यक्ष से पद से क्यों हटाया गया, यह निर्मल भेख के संत-महंत और महंत ज्ञान देव सिंह के सहयोगी जानते हैं। इसके बावजूद महंत ज्ञानदेव सिंह के सहयोगी देवेंद्र सिंह और जसविंदर सिंह व अन्य महंत अदालतों के आदेशों का अनुपालन न कर सिविल प्रशाशन और पुलिस को गुमराह करते आ रहे हैं और अखाड़े के ज़मीन-जायदाद को बचाने वाले हमारे महंतों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। जबकि सभी महंतों के अपने अपने डेरे हैं और वह धार्मिक क्षेत्र में मानव जाती की भलाई के काम कर रहे हैं। प्रशासन और मुख्यमंत्री को लिखित रूप में बताया गया है कि यह निर्मल भेख की निजी मसला है और हम शांतिपूर्ण तरीके से नए नियुक्त श्रीमहंत रेशम सिंह अध्यक्ष व कार्यकारणी समिति के पदाधिकारीओं को अखाड़े में बिठाना चाहते हैं।
जिसके लिए प्रशासन शांति के लिए अपना सहयोग दें। महंत जगतार सिंह सचिव के साथ अन्य महंत गोपाल सिंह कोठारी महंत जगतार सिंह सचिव, महंत बलविंदर सिंह, महंत चमकौर सिंह, महंत प्रेम सिंह और अन्य महंतों ने संयुक्त रूप में प्रशासन से अपील की है कि महंत ज्ञान देव सिंह के पक्ष की ओर से लगाए जा रहे हैं बेबुनियाद आरोपों के बजाय निर्मल भेख के विज्ञापन और नोटिस में दर्शाए तत्थों को ध्यान में रखते हुए इस मुददे का समाधान किया।