उत्तराखंडराजनीतीहरिद्वार

जनपद में भाजपा का भविष्य तय करेगी कांग्रेस की रणनीति


अमित शर्मा
हरिद्वार।
विधानसभा 2022 का बिगुल बज चुका है। आगामी 14 फरवरी को उत्तराखंड राज्य का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो जाएगा। सत्ता हासिल करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा,मुख्य विपक्षी कांग्रेस सहित आप और किंगमेकर की भूमिका में बसपा रहने के समीकरण बैठा रही है। यदि बात करें हरिद्वार जनपद की तो यहां का भविष्य मुख्य विपक्षी कांग्रेस की चाल पर निर्भर करेगा। राजनीति की बिसात पर अपने मोहरों से ज्यादा विपक्षी की चाल पर हार जीत निर्भर करती है। हरिद्वार जनपद की सीटों में कांग्रेस ने जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट दिया तो भाजपा के लिए अपनी जीत बनाए रखना मुश्किल होगा। जनपद में भाजपा कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी का भी अच्छा खासा वोट बैंक है। इसलिए हरिद्वार में बसपा को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।


हरिद्वार नगर विधानसभा में पिछले चार बार से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भारी बहुमतों से जीतते आए हैं, लेकिन इस बार परिस्थितियां कुछ और ही नजर आ रही है। मदन कौशिक के सामने उनके ही दो शागिर्द पूरी शिरकत से टिकट की दावेदारी कर रहे है। पूर्व मेयर मनोज गर्ग व पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया ताल ठोक रहे हैं। तो वही कांग्रेस से पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी को चुनौती कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा दे रहे हैं। हरिद्वार में यदि कॉन्ग्रेस सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देती है,तो निश्चित तौर पर भाजपा के लिए मुश्किल होगी। वही भाजपा में टिकट के दावेदारों की नाराजगी को भुनाने के लिए आप तैयार है। माना जा रहा है कि जिस भी दावेदार को टिकट नही मिलेगा वह आप का सारथी बन सकता है।

उधर हरिद्वार ग्रामीण में भी स्वामी यतीश्वरानंद की मुश्किल कम नहीं है। मदन कौशिक के ही छोटे भाई कहे जाने वाले नरेश शर्मा आप से चुनाव लड़ कर स्वामी को नुकसान दे रहे हैं। तो वही बसपा से संभावित उम्मीदवार डॉक्टर दर्शन शर्मा बसपा के कैडर वोट के साथ भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते है। जबकि कांग्रेस में पूर्व बसपा प्रत्याशी मुकर्रम अंसारी को पार्टी ज्वाइन करा कर अपनी रणनीति के संकेत दे दिए हैं। यदि कॉन्ग्रेस इस सीट से किसी मुस्लिम उम्मीदवार या किसी कद्दावर को लाती है तो स्वामी को कड़ी चुनौती होगी।

उधर लक्सर सीट पर संजय गुप्ता को बसपा के मोहम्मद शहजाद चुनौती देने बैठे हैं। कांग्रेस यदि यहां पर किसी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देती है तो संजय गुप्ता और यदि अन्य को टिकट देती है तो मोहम्मद शहजाद को हरा पाना मुश्किल होगा। खानपुर विधानसभा में भी चार बार के विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन को पत्रकार उमेश कुमार चुनौती देकर बसपा व कांग्रेस की राह आसान कर रहे हैं। यहां पर भी कांग्रेस प्रत्याशी के ऊपर हार जीत का निर्णय होगा। मंगलौर व पिरान कलियर में कॉन्ग्रेस मजबूत स्थिति में है। यहां पर भाजपा बसपा व आप के प्रत्याशी संघर्ष करते दिखेंगे। जबकि भगवानपुर में सीधी जंग देवर-भाभी में ही रहेगी। ममता राकेश को बसपा से सुबोध राकेश कड़ी चुनौती देंगे। हालांकि भाजपा द्वारा यहां पर किसी मजबूत कैंडिडेट को उतारकर स्थिति को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास है।

झबरेड़ा व ज्वालापुर विधानसभा में भी भाजपा विधायकों का भविष्य कांग्रेस प्रत्याशी तय करेगा। रुड़की सीट पर प्रदीप बत्रा की हालत पहले जैसी ही है, रुड़की के वोटर्स के मन की थाह लेना आसान नही है। यशपाल राणा,दिनेश कौशिक, मनोहर लाल शर्मा यहां से कांग्रेस के मुख्य दावेदार है। भेल रानीपुर में दो बार के विधायक आदेश चौहान को चुनौती देने के लिए कांग्रेस से दर्जनभर से अधिक नेता तैयारी कर रहे हैं। राजवीर सिंह चौहान यहां पर कांग्रेस से सशक्त उम्मीदवार हो सकते है। हालांकि की टिकट की दौड़ में महेंद्र प्रताप सिंह,संजीव चौधरी,रामयश सिंह,वरुण वालियान आदि कई दावेदार है। जबकि अभी तक बसपा से किसी उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं है। वही आप ने बसपा के पूर्व प्रत्याशी प्रशांत राय पर दांव खेला है। अब देखना यह होगा भाजपा अपने जीत का सिलसिला किस प्रकार जनपद में कायम रखती है या फिर कांग्रेस की रणनीति भाजपा पर हावी होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button