दूसरे जुमे पर नमाज अदा कर मांगी दुआएं
रोजे का मतलब है ख्वाहिशात से अपने आपको रोकना-हाफिज अहमद हसन
मस्जिदों मे मास्क पहनकर आएं नियमों का करे पालन–पूर्व राज्य मंत्री हाजी मकबूल कुरैशी
हरिद्वार। माहे रमजान के दूसरे जुमे पर नमाजियों ने विभिन्न मस्जिदों में नमाज अदा कर कोरोना समाप्त करने तथा मुल्क मे अमनचैन की दुआएं की। जुमा मस्जिद के हाफिज अहमद हसन ने रोजेदारों को ताकीद करते हुए रोजे का मतलब है ख्वाहिशात से अपने आपको रोकना, रोजे की बहुत बड़ी शान होती है। अल्लाह रोजेदार को खुद रोजे का शवाब अता फरमाता है। उन्होने कहा कि रोजे की हालत में कान, आंख, जुबान, हाथ पांव और जिस्म के सभी अंगों को रोजा गुनाह से बचाता है। बरकत के इस महीने में अधिक से अधिक इबादत करें। मण्डी मस्जिद के हाफिज कुतबुदीन व मदीना मस्जिद के हाफिज मेहताब अली ने कहा कि रोजा तमाम बुराईयों से इंसान को रोकता है। रोजे की हालत में किसी की भी चुगली ना करें। पांचो वक्त की नमाज अदा कर अधिक से अधिक नेकी को कमाएं। हमदर्दी व भलाई के इस माह में गरीब मिस्कीनों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए। भेल मस्जिद के मुफ्ती इंतजार ने कहा कि पांच वक्त की नमाज के अलावा कलाम पाक की तिलावत व तराहवी की नमाज रोजेदार को अता करनी चाहिए। बरकतों के इस माह में खुदा ताला अपने बंदों को ज्यादा से ज्यादा रोजी अता फरमाता है। इस माह मोमिन का रिज्क खुदा ताला बढ़ा देता है। उन्होंने कहा कि एक नेकी के बदले सत्तर नेकियां खुदा ताला अपने बंदे को देता है। पूर्व राज्य मंत्री हाजी मकबूल कुरैशी व शौकत कुरैशी ने रोजेदारों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मस्जिदों मे मास्क पहनकर आएं और सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखना चाहिए। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए प्रशासन का सहयोग करें। मकबूल कुरैशी ने कहा कि इबादत के इस माह में गरीबों, मिस्कीनों का पूरा ख्याल रखना चाहिए। अधिक से अधिक गरीब मिस्कीनों की मदद करें। मस्जिदों में नमाज अता करने के दौरान अन्य लोगों को भी प्रेरित करते हुए मास्क लगाने की अपील करें। भेल सेक्टर वन मस्जिद में सभी नमाजियों से मूंह पर मास्क लगाने की अपील की जा रही है। साथ ही कुछ लोगों द्वारा मुख्य गेट पर खड़े होकर नमाजियों से मास्क लगाने की अपील भी निरंतर की गयी।