

हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के जीडी पुरम क्षेत्र में मंगलवार को हरिद्वार धर्मशाला प्रबंधक सेवा समिति (रजिस्टर्ड) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति की कार्यकारिणी का विस्तार किया गया तथा आगामी कुंभ मेला-2027 को लेकर सरकार से धर्मशालाओं व धामों को विशेष सुविधाएं मुहैया कराने की मांग उठाई गई।
बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने की, जबकि महामंत्री श्यामसुंदर शर्मा ने नवगठित कार्यकारिणी की घोषणा की। सर्वसम्मति से निम्नलिखित पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई:
संरक्षक: महंत भीम सेन, अवधेश कुमार, राम प्रसाद मिश्रा, महेशानंद, एमएम कपूर, प्रदीप शर्मा, हौंसला प्रसाद
उपाध्यक्ष: राकेश मिश्रा, अशोक पारिक, सुनील तिवारी, महेंद्र शर्मा, अशोक रावत, राजेश सूद, गुरुवचन सिंह
संयुक्त महामंत्री: हेम नारायण अग्रवाल
संगठन मंत्री: गोकुल डबराल, राजवीर शर्मा
मंत्री: प्रयागराज दुबे, गुरुदेव राणा, कांता हरिमान, सतवीर भारद्वाज
स्वागत मंत्री: सतनाम सिंह, हरीश रावत
प्रचार मंत्री: उमेश पांडेय, मनोज बिष्ट
उप कोषाध्यक्ष: विपिन कुमार, दिनेश शर्मा
मीडिया प्रभारी: अर्जुन सिंह राणा, महेश भट्ट
अध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार संतों और यात्रियों का प्रमुख केंद्र है। अखाड़ों व आश्रमों की तर्ज पर धर्मशालाओं व धामों को भी कुंभ मेला-2027 में सरकार द्वारा हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने 2010 महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय की तरह ही इस बार भी धर्मशालाओं को विशेष सहायता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और नगर विधायक मदन कौशिक के कुशल नेतृत्व में होगा दिव्य भव्य 2027 कुंभ मेला।
संयुक्त महामंत्री हेम नारायण अग्रवाल,कोषाध्यक्ष सोनू शर्मा ने बताया कि कुंभ, अर्धकुंभ तथा सभी स्नान पर्वों पर धर्मशालाएं प्रशासन को सैकड़ों कमरे उपलब्ध कराती हैं और पूर्ण सहयोग करती हैं। इसके बावजूद धर्मशाला प्रबंधकों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पातीं।
संरक्षक महंत भीम सेन ने घोषणा की कि शीघ्र ही समिति का एक प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी जी महाराज तथा कुंभ मेलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा और धर्मशालाओं की समस्याओं से अवगत कराएगा।
बैठक में विकास शर्मा, मनोज जोशी, दर्शन लाल, रामेश्वर सहित समिति के अनेक सदस्य एवं धर्मशाला प्रबंधक उपस्थित रहे। बैठक में कुंभ मेला तैयारी, यात्रियों की सुविधा तथा धर्मशालाओं के रख-रखाव जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
समिति ने एक स्वर से सरकार से अपील की है कि कुंभ मेला-2027 को भव्य एवं दिव्य बनाने में धर्मशालाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, इसलिए इनकी अनदेखी न की जाए।



