
हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार में आयोजित होने वाले 2027 कुंभ मेले को लेकर स्थानधारी साधु संतों ने गुरुमंडल आश्रम में बैठक की और कुंभ मेले की तैयारियों में शामिल न करने पर नाराजगी व्यक्त की। साधु संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तर्ज पर अखिल भारतीय आश्रम परिषद का गठन करने की घोषणा भी की। साधु संतों ने कहा कि कुंभ मेला अखाड़ों के साथ ही सभी साधु संतों का भी होता है। इसलिए सरकार ने जिस तरह से अखाड़ा परिषद के साधु संतों से बैठक कर सुझाव मांगे और कुंभ की तिथियों की घोषणा की, उसी तरह से आश्रम में रहने वाले साधु संतों के साथ भी बैठक की जाए। आगामी कुंभ मेले में उन्हें भी व्यवस्थाएं दी जाएं।
रविवार को गुरुमंडल आश्रम में साधु संतों की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर और आश्रमों के साधु संत शामिल हुए।
इस दौरान महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले में अखाड़ों को भी पूछना चाहिए लेकिन अखाड़ा कुंभ में केवल एक पक्ष है। कुंभ में आश्रमों के साधु संत भी दूसरा पक्ष है। कुंभ में करोड़ो भक्त आते हैं, उन भक्तों की सेवा आश्रमों के साधु संत करते हैं। स्थानधारी संतों के भी शिविर लगते हैं, इसलिए सरकार को सबको समान अधिकार देने चाहिए।
अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्त बाबा हठयोगी ने कहा कि पहले भी कुंभ और अर्द्धकुंभ जैसों आयोजनों में अखाड़ों से अलग, जनप्रतिनिधियों और आश्रमों के साधु संतों को बुलाकर बैठक की जाती थी। लेकिन हरिद्वार कुंभ में केवल अखाड़ों को ही पूछा जा रहा है। ऐसी स्थिति में आक्रोश होना स्वाभाविक है। व्यवस्था बनाने के लिए जल्द ही अखिल भारतीय आश्रम परिषद का गठन किया जाएगा। इस परिषद में आश्रमों के साधु संतों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्रप्रकाश ने कहा कि हरिद्वार के स्थानधारी संत अनेकों मत, पंथ और संप्रदायों से जुड़े हैं। कुंभ मेले में भी इनका बहुत बड़ा योगदान रहता है। कुंभ मेले की योजनाओं का लाभ सभी संतों को मिल सके, इसके लिए जल्द ही सरकार को बैठक बुलाकर सुझाव लेने चाहिएं।
बैठक में महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, रविदेव शास्त्री, स्वामी शिवानंद, लोकेश गिरी और विनोद महाराज समेत कई साधु संत उपस्थित रहे।



