हरिद्वार/विजय सुब्रह्मण्यम
वैदिक आनंदोत्सव-संस्कृति की सुरभि 2024 डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार में डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के प्रधान पद्मश्री डाॅ0 पूनम सूरी के निर्देशन में 10 वर्षों से निरंतर संचालित होता आ रहा वार्षिक वैदिक आनंदोत्सव वैदिक संस्कृति की सुगंध बिखेरता तथा आधुनिक परिवेश में भारतीय वैदिक संस्कारों की पकड़ को मजबूत बनाते कार्यक्रम के द्वितीय दिवस का आयोजन 19 नवंबर 2024 को किया गया।
यह आयोजन स्कूल की वार्षिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ वेदिक चेतना, संस्कार, समाज, परिवार और माता-पिता के प्रति कर्तव्यों की शिक्षा दी जाती है, साथ ही साथ भारत की गौरवशाली संस्कृति की झलक प्रस्तुत की जाती है। इस प्रकार के कार्यक्रम अभिभावकों और शिक्षकों को मिलकर एक स्वस्थ समाज का निर्माण करने में सहयोग देते हैं। शिक्षकों और अभिभावकों को एक साथ आने और स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को मनाने का अवसर मिलता है।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता आर्य समाज के प्रबुद्ध विद्वान तथा आर्य युवा समाज के प्रधान योगी सूरी रहे। सर्वप्रथम उन्होनें उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 दिनेश चन्द्र शास्त्री, नित्यानंद स्वामी , उत्तराखण्ड के ज़ोन-ए के डीएवी विद्यालयों के क्षेत्रीय निदेशक एवं विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य पी.सी. पुरोहित, उत्तराखंड के डीएवी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ संयुक्त रूप से यज्ञशाला में हवन की पवित्र अग्नि में संध्याकालीन आहुतियां देकर परमपिता परमात्मा का आशीर्वाद लिया।
’दीपक’… तमसो मां ज्योतिर्गमय.. वाली रोशनी है जिसका अर्थ है परमात्मा हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाएं। मंच पर उपस्थित मुख्यातिथि एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा मंत्रोच्चारण किया गया जो सभी को एक पवित्र और शांत वातावरण में ले आया।
मंच पर मुख्यातिथि योगी सूरी के विधिवत स्वागत के उपरांत अन्य अतिथियों का भी स्वागत कर अतिथि देवो भवः को चरितार्थ करते हुए कार्यक्रम आरंभ किया गया।
सांयकाल में तारों की जगमगाहट के नीचे चित्रपटल (स्क्रीन डिस्प्ले) के माध्यम से उपस्थित गणमान्य अतिथि एवं दर्शक दीर्घा के द्वारा डीएवी गान गाया गया।
सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने ’स्वागतम्-स्वागतम् शुभ मंगल स्वागतम्’ गीत गाकर अतिथियों का सत्कार किया। अतिथि देवो भवः की भावना से ओत-प्रोत प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार कपिल के द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत व अभिनन्दन किया गया। प्रधानाचार्य जी ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और अपने उद्बोधन में उन्होंने उन अतिथियों का जो कि भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पाए, की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए आभार प्रकट किया । उन्होने डीएवी काॅलेज प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के सचिव, एवं विद्यालय के उपाध्यक्ष एवं प्रबंधक जे.के. कपूर तथा पब्लिक स्कूलों के निदेशक डाॅ0 वी. सिंह का भी धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से ही विद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसमें महात्मा आनंद स्वामी जी पर आधारित एक नृत्य नाटिका का मंचन किया जाना है । हमारे लिए यह परम सौभाग्य की बात कि महात्मा आनन्द स्वामी जी आज के हमारे मुख्य अतिथि के Great Grandfather हैं।
प्रधानाचार्य के स्वागत उद्बोधन के पश्चात ‘आओ मिलकर यज्ञ करें’ नामक सूक्ष्म यज्ञ विधि का मंचन किया गया, वैदिक संस्कृति के प्रचार के साथ-साथ सभी को एक साथ मिलकर यज्ञ करने के महत्व को समझाया तथा महर्षि दयानन्द के सैनिक पर छात्रों ने सुन्दर नृत्य प्रकट कर दर्शकों का मन मोह लिया।
‘छात्र अभिनंदन’ कार्यक्रम में विगत सत्र 2023-2024 में विद्यालय में अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति, शैक्षणिक सत्र की वार्षिक परीक्षा में कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों, रन फाॅर डीएवी, जो कि गाँधी जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी’ उसमें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं तथा अन्य विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले छात्रों का अभिनंदन कर उनकी मेहनत और समर्पण को प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार तथा ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया।
मुख्य अतिथि योगी सूरी, प्रधान आर्य युवा समाज ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के आयोजन की भूरि-भूरि प्रषंसा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपने पितामह महात्मा आनंद स्वामी के साथ अपना बचपन बिताया। महात्मा आनंद स्वामी जी के मुख मंडल पर जो स्थाई मुस्कान है, उसका भी रहस्य उन्होंने उपस्थितजनों के सामने खोला। उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों में मुस्कुराते रहने का जो महामंत्र उन्हें अपने पूर्वजों एवं अपने पिता से मिला है, वे उसका महत्व समझ गए हैं। हर परिस्थिति में अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने से जीवन की कई परेशानियों का हल सहज ही मिल जाता है। वैदिक मूल्य और आर्य समाज हमेशा उनके दिल के करीब रहे हैं। श्री योगी सूरी जी के वचनों ने सभी को प्रेरित और उत्साहित किया।
तत्पश्चात् ‘बूंद बूंद मिलके बने सागर’ समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी को सहयोग और कर्तव्य निष्ठा की प्रेरणा दी। दर्शक दीर्घा ने करतल ध्वनि से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
आज हर अभिभावक अपने बच्चों को सफल बनते हुए देखना चाहता है, बच्चों की सफलता निश्चित ही माता-पिता के लिए सुखकारक है, किंतु उस सफलता की, उस सुख की परिभाषा क्या है, इस विषय पर एक नाटक का मंचन विद्यार्थियों द्वारा किया गया। जिसने सभी उपस्थितजनों को वास्तव में सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वाकई में बच्चों को जीवन यापन के लिए विदेष भेज देने में ही सुख है अथवा अपने परिवार के साथ थोड़ी कम सुविधाओं में जीवन जीने में भी परम सुख का अनुभव किया जा सकता है। बच्चों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्षकों की आँखों को नम भी किया।
विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा प्रस्तुत भजन ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में विद्यार्थियों के द्वारा नृत्य – नाटिका ‘महात्मा आनंद स्वामी’ प्रस्तुत की गई जिसने सभी को महात्मा आनंद स्वामी के जीवन और उनके संदेश सादा जीवन उच्च विचार, अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से अथाह प्रेम, ईश्वर में आस्था जीवन के इसी सार के साथ को समझने का अवसर प्रदान किया।
यह आयोजन स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को मनाने का एक अवसर था, और इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका प्रतिभा शर्मा के द्वारा किया गया।
अंत में विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल द्वारा सभी उपस्थित जनों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद किया गया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।