उत्तराखंडक्राइमहरिद्वार

प्रेम प्रसंग में युवक की हत्या वाले तीन लोगों को उम्रकैद


पुत्री के प्रेमी युवक की रंजिशन हत्या करने का आरोप
-आजीवन कारावास व 69 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई


हरिद्वार
भगवानपुर क्षेत्र में रंजिशन युवक की हत्या करने के मामले आरोपी हत्यारोपी  सुलेमान, रहबर व अलीम को दोषी करार दिया गया है।द्वितीय अपर जिला जज संजीव कुमार ने तीनो हत्यारोपियों को को आजीवन कारावास व 69 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि जमा ना करने पर तीनों हत्यारोपी को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश भी दिए हैं।
शासकीय अधिवक्ता राजकुमार ने बताया कि 15/16 मई 2018 की रात्रि साढ़े 11 बजे भगवानपुर क्षेत्र के गांव चानचक निवासी तनवीर की पाठल तबल व सरियों से हमला कर अधमरा कर छोड दिया था। घायलावस्था में उसे सरकारी अस्पताल रुड़की इलाज के लिए ले गए थे।जहां तनवीर की गंभीर हालत को देखकर डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर देहरादून, देहरादून से चंडीगढ़ रैफर कर दिया था। घटना के छह दिनों के बाद इलाज के दौरान तनवीर की चंडीगढ़ पीजीआई में मृत्यु हो गई थी। इससे पहले मृतक के पिता शिकायतकर्ता मुस्तकीम ने अपने गांव के रहने वाले सुलेमान पुत्र जहूर, रहबर पुत्र सुल्तान व अलीम पुत्र अमीर आलम के खिलाफ बंधक बनाकर जानलेवा हमला करने का केस दर्ज कराया था। तनवीर की मृत्यु होने पर हमलावरों के खिलाफ हत्या के मामले में विवेचना हुई थी। विवेचना दौरान घटना का खुलासा करते हुए  पाया कि हत्यारोपी सुलेमान की पुत्री का मृतक तनवीर से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिससे गांव में हत्यारोपी सुलेमान व अन्य की बदनामी हो रही थी। घटना वाली रात हत्यारोपी सुलेमान की पुत्री ने तनवीर को फोन कर अपने घर मिलने के लिए बुलाया था। जहां तीनों हमलावरों के साथ सुलेमान के नाबालिग पुत्र पर पाठल, तबल व सरियों से तनवीर पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अभियोजन पक्ष ने  साक्ष्य में 19 गवाह पेश किए।मामले की सुनवाई के बाद द्वितीय अपर जिला संजीव कुमार ने हत्यारोपियों सुलेमान, रहबर व अलीम को दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई है।


चौथे किशोर की पत्रावली पृथक

घटना के वक्त हत्यारोपी सुलेमान का नाबालिग पुत्र भी हमले में शामिल था। विवेचना के दौरान नाबालिग होने की पुष्टि होने पर उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन के लिए पृथक कर दी गई थी।

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