प्रधानमंत्री मोदी ने किया बाला साहब के सपने को साकार: एकनाथ शिंदे
-अश्वमेध यज्ञ जैसे कार्यक्रमों से राजनीति को दशा और दिशा मिलती है: राजनाथ सिंह
-भारत दुनिया को सांस्कृतिक दशा और दिशा प्रदान कर रहा है: डॉ चिन्मय पंड्या
नवी मुंबई, 23 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को श्री अयोध्या धाम में रामलला विग्रह में प्राण प्रतिष्ठा कर बाला साहेब के सपने को साकार किया। बाला साहेब का सपना था कि अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण हो और प्रधानमंत्री ने उनके सपने को पूरा कर दिखाया। अखिल विश्व गायत्री परिवार राष्ट्र में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देते हुए विश्व बंधुत्व के संदेश का प्रचार प्रसार कर रहा है। शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेध महायज्ञ के ज्ञानमंच से उक्त विचार साझा किए। इस मौके पर उनके साथ मंच पर केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कबीना मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, स्थानीय सांसद श्रीरंग वारणे भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अश्वमेध महायज्ञ के आयोजन को लेकर अखिल विश्व गायत्री परिवार को साधुवाद दिया। कहा कि हम उनका आभार प्रकट करते हैं कि देवभूमि महाराष्ट्र को इसके लिए चुना। कहा कि इंसान कितना भी बड़ा हो जाए पर, उसका दिल बड़ा होना चाहिए। क्योंकि दिल बड़ा होगा, तब सब संकट अपने आप दूर हो जाते हैं। इस सोच से जो काम करता है, उससे समाज का, राष्ट्र का विकास होता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार का हर सदस्य इसी सोच के साथ कार्य कर रहा है और दुनिया को विश्व बंधुत्व का संदेश दे रहा है। अश्वमेघ महायज्ञ के प्रभाव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से सदगुण बढ़ते हैं और दुर्गुणों कम होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक नीतियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को आर्थिक महाशक्ति शक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ा दिया है।
इससे पहले कार्यक्रम को अपना आरंभिक संबोधन देते हुए अश्वमेध महायज्ञ के नेतृत्वकर्ता डा. चिन्मय पंड्या ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने संन्यासियों के बाहर यानी विदेश जाने के मिथक को तोड़ा। संन्यासियों के बाहर जाने पर ही यह पता लगा कि भारत सनातन संस्कृति के माध्यम से विश्व को नई दिशा व दिशा दे रहा है। स्वामी विवेकानंद ने इसे नई ऊंचाइयां प्रदान की।
कार्यक्रम को अपना अध्यक्षीय संबोधन देते हुए केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राजनीतिक व्यक्तियों को ऐसे कार्यक्रमों में अवश्य जाना चाहिए। ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें दशा और दिशा मिलती हैं। राजनीति दो शब्दों को राज और नीति को लेकर बना है, जिसका अर्थ है, राज्य और समाज को सन्मार्ग की ओर ले जाना। ऐसे आयोजन इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का काम करते हैं।