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उत्तरकाशी ब्रेकिंग: टनल में फंसे श्रमिकों को निकाला गया बाहर,श्रमिकों से सीएम धामी और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह, देखिये वीडियो

श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज,अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।फाइल फोटो

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने रेस्क्यू टीमों दिया साधुवाद,,

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने रेस्क्यू टीमों को दिया साधुवाद
श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने भी प्रसन्नता जताई है। रेस्क्यू टीमों को साधुवाद और श्रमिक व उनके परिवारों को आशीर्वाद श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सफल निर्देशन में विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम ने लगातार संघर्ष करते हुए 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलने में सफलता हासिल की है। श्रमिक परिवारों के साथ-साथ देवभूमि उत्तराखंड सहित पूरे भारत के लिए यह खुशी की बात है और गौरवान्वित करने वाला क्षण है। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि बाबा बद्री-केदार, बौखनाथ देवता, मां गंगा और मां मनसा देवी की कृपा और आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और जल्द ही अपने परिवारों के बीच होंगे। 17 दिन से रेस्क्यू में जुटी केंद्र और राज्य की टीमें बधाई की पात्र हैं।



श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने प्रसन्नता जताई।
श्रमिक परिवारों के साथ साथ देवभूमि उत्तराखंड सहित पूरे भारत के लिए खुशी की बात है और गौरवंदित करने वाला क्षण है।
श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने भगवान बद्रीनाथ

सिलक्यारा टनल से सकुशल बाहर निकले 17 दिन से फंसे श्रमिक।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गले लगाकर बढाया श्रमिकों का हौंसला।




उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचा लिया गया है। दीपावली के दिन 12 नवंबर को टनल में अचानक हुए लैंडस्लाइड के कारण वहां काम कर रहे 41 मजदूर कैद हो गए थे, जिनको बचाने के लिए पिछले 17 दिनों से लगातार दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था। पहले राउंड में झारखंड के दो मजदूरों को बाहर निकाला गया। अब तक पांच मजदूरों को बाहर निकाला लिया गया है।



आखिरकार 17 दिनों की दिन रात की मेहनत के बाद जैसे ही मजदूरों को बाहर निकल गया, सभी को एक- एक कर एंबुलेंस के जरिए चिन्यालीसौड़ सीएचसी में ले जाया गया, जहां पहले से ही सभी सुविधाएं चाक-चौबंद कर ली गई थी। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के साथ ही मेडिकल से जुड़ी सभी सुविधा उपलब्ध करा दी गई थी।

मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ के जवान एस्केप पाइप के जरिए टनल में घुसे और फिर मजदूरों को एक-एक करके बाहर निकल गया। अच्छी बात यह रही की सभी मजदूरों की हालत फिलहाल ठीक है। उनको कुछ दिन निगरानी में रखने के बाद अगला फैसला लिया जाएगा।

टनल से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिक ऑगर मशीन को लगाया गया था। ऑगर मशीन ने अपना काम तो किया, लेकिन उसमें काफी लंब वक्त भी लग गया। जब मशीन ने हाथ खड़े कर दिए तो सेना की इंजीनियरिंग विंग के रैट माइनर्स को बुलाया गया। रैट माइनर्स ने आखिरी कुछ मीटर की दूरी को बहुत कम समय में अपने हाथों से खोदकर पाइप को आर-पार करा दिया।
मजदूरों की बाहर निकालते ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। टपन के भीतर ही अस्थाई अस्पताल बनाया गया। उनके लिए काले चश्मों की व्यवस्था भी की गई। कई दिनों टपल में बंद रहने के कारण उनको बाहर सन लाइन में आते ही देखते में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसको देखते हुए सभी तरह के अंतजाम किए गए। इस रेस्क्यू अभियान में SDRF, NDRF, NHIIDCL, THDC, BRO, ONGC, RVNL और विदेशी एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स समेत वैज्ञानिकों को भी तैनात किया गया था। साथ ही PMO से लेकर उत्तराखंड सरकार के सचिव स्तर के अधिकारियों की भी तैनाती की गई थी।

lakshyaharidwar

Lakshya Haridwar Pallavi Genral Store, Gali No -3 Birla Farm, haripur klan, Dehradun 9411111512

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