सावन के पहले सोमवार को बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने धर्मनगरी के विभिन्न शिवालयों पर पहुंच कर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर (दक्ष मंदिर) में सुबह चार बजे से शिवभक्तों का तांता लगना शुरु हो गया। बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी और कांवड़ियों ने दक्ष मंदिर पहुंच कर भगवान शिव की पूजा अर्चना की। मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव कि कृपा अपार मिलती है। यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास करते है।साथ ही कनखल से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते हैं।
भगवान शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें में अपनी प्रतीक्षा करते नजर आए। घंटो लाइन में लग कर शिवभक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। शिवालयों में भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए थे। बड़ी संख्या में मंदिरों में पुलिस फाॅर्स लगाया गया था। सोमवार का दिन भोले शिव को बहुत पंसद होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया की भगवान शिव ने दक्ष प्रजापति को वचन दिया था कि वह सावन के एक महीने कनखल के दक्ष मंदिर में वास करेंगे। सोमवार का दिन भगवान शिव का सबसे विशेष दिन होता है। इस दिन जल चढ़ाने से भगवान शंकर अति प्रसन्न होते हैं। सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से भगवान शिव सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। पूरे सावन दक्ष प्रजापति मंदिर से ही सृष्टि का संचालन करते हैं। जब माता सती ने यहां पर अपना शरीर त्याग दिया था। तो भगवान शंकर के रूद्र अवतार यहां पर आए और उन्होंने राजा दक्ष का शीश काट दिया। भगवान शिव से जब प्रार्थना की गई तो उन्होंने बकरे का सिर राजा दक्ष के शीश पर लगा दिया। उन्होंने बम बम कहकर भगवान शिव की स्तुति की। बम बम के उच्चारण से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इसलिए पूरे कावड़ के अंदर लोग बम बम का उच्चारण करते हैं। विशेष रूप से महिलाएं भगवान शिव की पूजा करती है क्योंकि भगवान शिव और पार्वती का अर्धनारीश्वर स्वरूप होता है इसलिए महिला अर्धनारीश्वर स्वरूप का पूजन करती है।